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    क्रिकेट का जुनून देख पिता ने खेत को ही बना दिया था मैदान, लखनऊ की खिलाड़ी ने साझा किए संघर्ष के वो पल

    By Divyansh RastogiEdited By:
    Updated: Fri, 18 Dec 2020 03:52 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश सीनियर महिला टीम की सदस्य और फिरकी गेंदबाज शिल्पी यादव ने बयां किए शुरुआती दिनों के संघर्ष। दैनिक जागरण से बातचीत में बताया कि करीब 12 साल पहले मैं परिवार वालों से छुपकर क्रिकेट खेलने जाती थी।

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    उत्तर प्रदेश सीनियर महिला टीम की सदस्य और फिरकी गेंदबाज शिल्पी यादव ने बयां किए शुरुआती दिनों के संघर्ष।

    लखनऊ, (व‍िकास म‍िश्रा)।  एक दशक पहले अगर कोई युवती यह कहती कि उसे क्रिकेटर बनना है तो मां-बाप बचपना कहकर टाल देते। साथ ही समझाते कि क्रिकेट लड़कों का खेल है। संघर्ष की कुछ ऐसी ही कहानी बयां कर रही हैं, उत्तर प्रदेश सीनियर महिला क्रिकेट टीम की सदस्य और फिरकी गेंदबाज शिल्पी यादव। वह कहती हैं, शुरुआती दिनों में घरवाले अनुमति नहीं दे रहे थे, लेकिन मेरे जुनून और लगन को देख पापा ने गांव के खेत को ही मैदान बना दिया और आज रिजल्ट आप सबके सामने है।

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    दैनिक जागरण से बातचीत में महिला क्रिकेटर ने बताया कि करीब 12 साल पहले मैं परिवार वालों से छुपकर क्रिकेट खेलने जाती थी। लखनऊ के प्यारेपुर गांव की रहने वाली शिल्पी के मुताबिक, उस समय घर के आस-पास कोई खेल का मैदान नहीं था। ऐसे में पापा ने खेत को ही मैदान बना दिया। उन्हें मुझपर भरोसा था। उनकी तरफ से यह मेरे लिए कभी न भूल पाने वाला तोहफा था। शिल्पी के मुताबिक, अगर परिवार आपका इस कदर साथ दे तो कठिन से कठिन लक्ष्य भी हासिल किया जा सकता है। पापा ने वर्ष 2015 में मेरा दाखिला एनआर स्टेडियम में करवा दिया। यहीं से मेरी असली परीक्षा शुरू हुई। 22 वर्षीय फिरकी गेंदबाज ने लखनऊ को स्पोर्ट्स हब बताया। बोलीं, क्रिकेट एसोसिएशन लखनऊ द्वारा आयोजित महिला लीग यहां की लड़कियों के लिए बड़ा प्लेटफार्म साबित हो सकती है। लीग में अच्छा प्रदर्शन करने वाली खिलाडिय़ों को प्रदेश की टीम में मौका मिल सकता है।

    भारतीय टीम में जगह बनाना है सपना

    शिल्पी बताती हैं कि एक खिलाड़ी के जीवन में अनुशासन होना बहुत जरूरी है। यह मैंने प्रियंका शैली मैडम से सीखा है। वह युवा क्रिकेटरों को हमेशा मार्गदर्शन देती हैं। आज अगर मैं उत्तर प्रदेश सीनियर महिला टीम की सदस्य हूं तो इसका श्रेय काफी हद तक प्रियंका मैडम को जाता है। शिल्पी का कहना है कि मैं बहुत भाग्यशाली हूं। अगर मां-बाप अच्छे नहीं होते तो इस खेल का हिस्सा नहीं होती और प्रियंका मैडम जैसा मार्गदर्शन करने वाली नहीं मिलतीं तो उत्तर प्रदेश महिला टीम की सदस्य नहीं बनती। शिल्पी की अगला लक्ष्य भारतीय टीम में जगह बनाना है। वह कहती हैं, मेरा सपना है कि मैं भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करूं। इसके लिए कड़ी मेहनत कर रही हूं। मुझे अपनी गेंदबाजी पर पूरा भरोसा है अगले एक-दो साल में मेरे नाम पर विचार किया जाएगा।

    अंडर-23 में किया था यादगार प्रदर्शन

    शिल्पी यादव बायें हाथ की स्पिन गेंदबाज हैं। अपने जादुई स्पेल से कई बार विपक्षी टीम की कमर तोड़ चुकी हैं। वर्ष 2018-19 में सूरत में हुए अंडर-23 के एक मुकाबले में शिल्पी ने पांच विकेट लेकर उत्तर की जीत सुनिश्चित की थी। इसके अलावा भी कई प्रतियोगिताओं में शिल्पी ने शानदार प्रदर्शन किया है।

    क्या कहती हैं उत्तर प्रदेश की पूर्व महिला क्रिकेटर ? 

    उत्तर प्रदेश की पूर्व महिला क्रिकेटर प्रियंका शैली त्रिपाठी बताती है कि शिल्पी बहुत अनुशासित और प्रतिभाशाली क्रिकेटर है। पिछले कुछ वर्षों से उसका प्रदर्शन शानदार रहा है। अगर वह इसी तरह लाइन-लेंथ दुरुस्त रखेगी तो आने वाले समय में बड़ी सफलता मिलनी तय है।