यूपी में राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में नियुक्त होंगे 47 विशेष शिक्षक, यह डिग्री होगी मान्य
लखनऊ के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए विशेष शिक्षकों की नियुक्ति होगी। सरकार ने 47 विशेष शिक्षकों की सीधी भर्ती करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद लिया गया है जिसके तहत सभी राज्यों को विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए प्रशिक्षित शिक्षक नियुक्त करने हैं। भर्ती उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा की जाएगी।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ रहे विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए अब विशेष शिक्षक नियुक्त किए जाएंगे। प्रदेश के 1320 बच्चों में से 692 बच्चे ऐसे हैं जिन्हें देखने, सुनने, सीखने, बोलने या मानसिक अक्षमता की समस्या है। इन बच्चों को विशेष शिक्षा देने के लिए शासन ने 47 विशेष शिक्षकों की सीधी भर्ती की प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया है।
दो सितंबर को हुई कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई थी और अब शासनादेश भी जारी हो गया है। भर्ती प्रक्रिया उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से लिखित परीक्षा द्वारा पूरी की जाएगी। इसमें अभ्यर्थियों की योग्यता और शर्तें निर्धारित हैं।
अभ्यर्थियों के पास भारतीय पुनर्वास परिषद (आरसीआई) का पंजीकरण प्रमाणपत्र अनिवार्य होगा। स्नातक स्तर पर कम से कम 50 प्रतिशत अंकों के साथ बीएड (विशेष शिक्षा) की डिग्री जरूरी होगी।
डिग्री में बौद्धिक अक्षमता, दृष्टिबाधिता, मूकबधिरता या मानसिक अक्षमता में से किसी एक विषय में विशेषता होनी चाहिए। अभ्यर्थियों की आयु सीमा 21 से 40 वर्ष के बीच निर्धारित की गई है।
माध्यमिक शिक्षा विभाग का यह कदम सात मार्च 2025 को सुप्रीम कोर्ट में रजनीश कुमार पांडेय बनाम यूनियन आफ इंडिया मामले में आए आदेश के बाद उठाया गया है।
इसमें कहा गया था कि हर राज्य को अपने यहां पढ़ रहे विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए प्रशिक्षित शिक्षक नियुक्त करने होंगे।
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