UP News: चार मेडिकल कॉलेजों के एमबीबीएस प्रवेश मामले पुनर्विचार याचिका होगी दाखिल
राजकीय मेडिकल कॉलेज सहारनपुर समेत चार कॉलेजों में एमबीबीएस प्रवेश दोबारा कराने के आदेश पर पुनर्विचार याचिका दायर करने की तैयारी है। विशेष घटक योजना के तहत स्थापित इन कॉलेजों में अनुसूचित जाति/जनजाति के लिए आरक्षण की व्यवस्था है। न्यायालय के आदेश से यूपी नीट यूजी काउंसलिंग पर संकट आ गया है क्योंकि दोबारा काउंसलिंग से अन्य कॉलेजों की सीटें भी प्रभावित होंगी।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। राजकीय मेडिकल कालेज सहारनपुर, कन्नौज, जालौन और अंबेडकर नगर में एमबीबीएस प्रवेश प्रक्रिया को फिर से कराने के हाई कोर्ट के लखनऊ खंड पीठ के फैसले के मामले में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने की तैयारी है।
चिकित्सा शिक्षा महानिदेशालय के अधिकारियों का कहना है कि इन सभी मेडिकल कालेजों की स्थापना विशेष घटक योजना (स्पेशल कंपोनेंट प्लान) के तहत जारी समाज कल्याण विभाग ने की थी। जिसमें अनुसूचित जाति जनजाति के छात्र-छात्राओं के लिए सीटों के आरक्षण की अलग से व्यवस्था की गई थी।
तभी से ये व्यवस्था लागू है। हाई कोर्ट के आदेश को विधि विशेषज्ञों के पास राय के लिए भेजा गया है। इस पर सोमवार शाम तक आगे की कार्रवाई का फैसला हो सकता है।
विशेष घटक योजना से कन्नौज, सहारनपुर, जालाैन और अंबेडकर नगर मेडिकल कालेजों में एमबीबीएस की 100-100 सीटें हैं। इनमें से 15 फीसदी सीटें नीट के केंद्रीय कोटे से प्रवेश दिया जाता है। जबकि 85 सीटों पर यूपी नीट यूजी काउंसिलिंग के माध्यम से दिया जाता है।
विशेष घटक योजना का होने के कारण 85 में से 62 सीटें अनुसूचित जाति, पांच सीटें अनुसूचित जनजाति, 11 सीटें अन्य पिछड़ा वर्ग और सात सीटों पर सामान्य वर्ग को प्रवेश दिया जाता है। अभी तक आरक्षण की इस व्यवस्था को कभी चुनौती नहीं दी गई।
यह पहला मौका है जब किसी अभ्यर्थी ने आरक्षण की सीमा को लेकर हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की और दोबारा काउंसिलिंग कराने का आदेश जारी हुआ है। महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा किंजल सिंह का कहना है कि हाई कोर्ट के आदेश को विधिक राय के लिए भेजा गया है। अभी इस पर कुछ कहना उचित नहीं होगा।
गौरतलब है कि हाई कोर्ट के आदेश के बाद प्रदेश में यूपी नीट यूजी 2025 काउंसिलिंग को लेकर संकट खड़ा हो गया। चार मेडिकल कालेजों में फिर से प्रवेश कि अर्थ है कि पूरी काउंसलिंग फिर कराना। ऐसे में राजकीय व निजी मेडिकल कालेज, केजीएमयू व अन्य चिकित्सा संस्थानों में आवंटित हो चुकी सीटों पर भी फिर से काउंसिलिंग कराना होगा।
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