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    यूपी के इन 15 जिलों में टीबी से बचाने को विशेष अभियान शुरू, रोगियों के साथ रहने वालों की भी होगी जांच

    Updated: Sat, 07 Dec 2024 05:50 PM (IST)

    प्रदेश के 15 जिलों में जहां टीबी से मौत की दर राष्ट्रीय औसत (3.6%) से अधिक है 100 दिवसीय अभियान शुरू किया गया। इसमें नए मरीजों की पहचान संपर्क में रहने वालों की जांच और पुष्टि होने पर इलाज कराया जाएगा। अमेठी अयोध्या सीतापुर सहित इन जिलों में स्वास्थ्य विभाग और स्वयंसेवी संस्थाएं मिलकर अभियान चला रही हैं। बुजुर्गों डायबिटीज और नशा करने वालों की जांच प्राथमिकता में है।

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    15 जिलों में टीबी से बचाने को अभियान, होगा डेथ आडिट - प्रतीकात्मक तस्वीर।

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश में ऐसे 15 जिले जहां पर टीबी से ज्यादा लोगों की मौत हो रहीं हैं, वह लोगों को इस रोग से बचाने के लिए शनिवार से विशेष अभियान शुरू हो गया। 100 दिवसीय विशेष कार्यक्रम में टीबी के नए रोगियों की पहचान की जाएगी।

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    वहीं रोगियों के संपर्क में रहने वाले लोगों की भी जांच होगी। जांच में रोग की पुष्टि होने पर उनका इलाज शुरू कराया जाएगा। वहीं रोगियों की मौत का डेथ आडिट किया जाएगा और पता लगाया जाएगा कि टीबी से ही मौत हुई है या नहीं।

    15 जिलों में टीबी से बचाने को अभियान

    राज्य टीबी अधिकारी डा. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि इन 15 जिलों में टीबी से होने वाली मौतों की दर पिछले साल राष्ट्रीय दर 3.6 के बराबर या अधिक है। ऐसे में इन चिह्नित जिलों में ट्रेसिंग, टेस्टिंग व ट्रीटमेंट के लिए अभियान शुरू किया गया है। जिन जिलों में अभियान शुरू किया गया है उसमें अमेठी, अयोध्या, बाराबंकी, बस्ती, देवरिया, इटावा, फर्रुखाबाद, हाथरस, पीलीभीत, प्रतापगढ़, रायबरेली, रामपुर, सिद्धार्थनगर, सीतापुर और सुलतानपुर शामिल हैं।

    चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग सहित 18 विभाग व स्वयंसेवी संस्थाओं की मदद से अभियान चलेगा। टीबी मरीजों के साथ रहने वाले उनके परिवारीजनों की अब हर तीन महीने में जांच कराई जाएगी। 60 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्ग, डायबिटीज व एचआइवी से संक्रमित रोगी, धूम्रपान व नशा करने वाले व्यक्तियों की विशेष रूप से टीबी जांच होगी।

    आज से शुरू होगा पल्स पोलियो अभियान

    नवजात से लेकर पांच वर्ष तक की आयु के बच्चों को पोलियो से बचाने के लिए रविवार से पल्स पोलियो अभियान शुरू किया जाएगा। कुल 3.29 करोड़ बच्चों को दो बूंद जिंदगी की पिलाने के लिए 14 दिसंबर तक अभियान चलेगा। प्रदेश में पोलियो का आखिरी केस 21 अप्रैल 2010 को फिरोजाबाद में मिला था।

    पोलियो मुक्त होने के बावजूद पड़ोसी देश पाकिस्तान व अफगानिस्तान में इसका संक्रमण होने के कारण एहतियात बरतने को यह पोलियो ड्राप पिलाई जाएगी। राज्य प्रतिरक्षण अधिकारी डा. अजय गुप्ता के अनुसार पहले दिन रविवार को 110648 बूथों पर पोलियो से बचाव की दवा पिलाई जाएगी।

    वहीं नौ दिसंबर से 14 दिसंबर तक टीमें घर-घर जाकर बच्चों को टीमें घर-घर जाकर पल्स पोलियो की ड्राप पिलाएंगी। 69316 टीमें बनाई गई हैं और 25331 पर्यवेक्षक इसके लिए तैनात किए गए हैं। वहीं 7190 ट्रांजिट टीमें व 3419 मोबाइल टीमें बस व रेलवे स्टेशन, टैंपो स्टैंड, ईंट भट्टे, फैक्ट्री व निर्माणाधीन स्थलों में रहने वाले लोगों के बच्चों को पोलिया की ड्राप पिलाएगी। प्रदेश में 8723 घुमंतू आबादी वाले क्षेत्रों में 70528 परिवारों को चिह्नित किया गया है।

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