अखिलेश यादव ने नोटबंदी के 6 वर्ष पूरा होने पर केंद्र सरकार को घेरा, बोले- उतरने लगी पीएम के बयानों की चमक
UP Politics समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि रिजर्व बैंक की ताजा रिपोर्ट से यह तथ्य सामने आया है कि नोटबंदी से कम नकदी वाली ...और पढ़ें

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने नोटबंदी के छह वर्ष पूरा होने पर भारतीय जनता पार्टी की सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बयानों की चमक अब उतरने लगी है और जनता सच्चाई से रूबरू होने लगी है। छह वर्ष पहले आठ नवंबर 2016 को नोटबंदी की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री ने कई दावे किए थे। उनका दावा था कि नोटबंदी से कालाधन खत्म होगा, बाहर गया कालाधन वापस आएगा और भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी।
नोटबंदी से कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था बनाने का इरादा
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि रिजर्व बैंक की ताजा रिपोर्ट से यह तथ्य सामने आया है कि नोटबंदी से कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था बनाने का भारत सरकार का इरादा भी फेल हो गया है। रिजर्व बैंक के मनी सप्लाई आंकड़ों के अनुसार इस साल अक्टूबर तक जनता के बीच विभिन्न चलन में मौजूद मुद्रा का स्तर बढ़कर 30.88 लाख करोड़ रुपये हो गया। यह आंकड़ा चार नवंबर 2016 को समाप्त पखवाड़े में चलन में मौजूद करेंसी के स्तर से 71.84 प्रतिशत अधिक है।
भाजपा की नीतियों से जनता का उठता जा रहा विश्वास
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार की नोटबंदी को एक खराब योजना बताते हुए कई विशेषज्ञों ने इसकी आलोचना की थी। डिजिटल विकल्प के बावजूद अर्थव्यवस्था में कैश का लगातार बढ़ता उपयोग यह भी जताता है कि भाजपा की नीतियों से जनता का विश्वास उठता जा रहा है। बैंको में जमा राशि में गिरावट इसी का संकेत है। भाजपा की नोटबंदी और जीएसटी ने पूरे व्यापार जगत को अव्यवस्थित कर दिया है। भ्रष्टाचार चरम पर है।
महंगाई में लगातार वृद्धि और आर्थिक असमानता बढ़ी
भाजपा राज में विकास कार्य ठप है। भाजपा की नीतियों के चलते महंगाई में लगातार वृद्धि और आर्थिक असमानता बढ़ी है। नोटबंदी के एलान के बाद गरीब का पैसा तो बैंकों में जमा हो गया। 500 और 1000 के नोट चलन से बाहर हो गए। अपने पैसे ही बैंक से वापस लेने में लोगों को दिन-दिन भर लाइनें लगानी पड़ी। एक गर्भवती का तो लाइन में लगे ही प्रसव हो गया। सपा ने उसको खजांची नाम दिया और उसके परिवार की मदद की।

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