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    SP Pratapgarh: लम्बे समय से नियंत्रण में नहीं प्रतापगढ़ में क्राइम, 30 वर्ष में 67 एसपी ने किया काम

    By Dharmendra PandeyEdited By:
    Updated: Mon, 14 Jun 2021 04:31 PM (IST)

    SP Pratapgarh पराध के मामले में प्रतापगढ़ जिला बेहद बदनाम है। भले ही यहां पर संगठित अपराध का वर्चस्व नहीं है लेकिन यहां पर अपराध व अपराधी की लगातार बढ़ती संख्या के कारण कोई भी पुलिस अधीक्षक काम करने से कतराता है।

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    प्रतापगढ़ में बीते 30 वर्ष में 67 एसपी ने काम किया

    लखनऊ, जेएनएन। सियासत और आंवला के लिए विख्यात प्रतापगढ़ जिला आइपीएस अधिकारियों को जरा भी नहीं भाता है। प्रदेश में अपराध के मामले में प्रतापगढ़ जिला बेहद बदनाम है। भले ही यहां पर संगठित अपराध का वर्चस्व नहीं है, लेकिन यहां पर अपराध व अपराधी की लगातार बढ़ती संख्या के कारण कोई भी पुलिस अधीक्षक काम करने से कतराता है।

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    प्रतापगढ़ में बीते 30 वर्ष में 67 एसपी ने काम किया है। मोटे तौर पर अनुमान लगाएं तो यहां पर काम करने वाले अफसर औसतन दो वर्ष तक काम करने के बाद यहां से ऊबने लगते हैं। योगी आदित्यनाथ सरकार के भी साढ़े चार वर्ष के कार्यकाल में अब तक 11 आइपीएस अधिकारियों को एसपी बनाकर प्रतापगढ़ भेजा गया है। अगर इस सरकार का औसत निकालें तो कोई भी अधिकारी तीन से चार महीने बाद ही यहां से ट्रांसफर चाहने लगता है। तेज तर्रार अधिकारी आकाश तोमर का तबादला इटावा से प्रतापगढ़ किया गया, लेकिन वह भी बीते नौ दिन से अवकाश पर हैं। उनके स्थान पर धवल जायसवाल के पास प्रतापगढ़ जिले की कमान है। नौ महीने में ही चार अफसरों ने यहां पर काम करने से हाथ खड़ा कर दिया।

    प्रतापगढ़ में 15 जुलाई 2019 को बेहद तेज माने जाने वाले अभिषेक सिंह को तैनात किया गया। वह यहां से पहले उत्तर प्रदेश एसटीएफ में थे। माना जा रहा था कि एसएटीएफ में रहने के कारण वह यहां के अपराध व अपराधी से बखूबी निपट लेंगे। वह 13 महीने तक यहां एसपी रहे। इसके बाद 16 अगस्त 2020 को बागपत के एसपी संजीव त्यागी का प्रतापगढ़ तबादला किया गया। संजीव त्यागी ने तो जिले का मुंह ही नहीं देखा। उन्होंने यहां पर एसपी प्रतापगढ़ के पद पर अपना कार्यभार ही नहीं संभाला। इसके बाद 18 अगस्त 2020 को यहां आईपीएस अनुराग आर्य को तैनाती मिली। वह भी चार महीने में प्रतापगढ़ से ऊब गए। इसके बाद 5 जनवरी 2021 को चार्ज लेने वाले शिव हरी मीणा भी बस ढाई महीने ही रहे। मीणा के जाने के बाद 21 मार्च 2021 को सचिंद्र पटेल आए जिन्हेंं पांच दिन बाद ही वहां से हटा दिया गया। इसके बाद आए आकाश तोमर ने काम संभाला, लेकिन अभी छुट्टी पर हैं। 

    सियासत में प्रतापगढ़ का कद काफी बड़ा

    उत्तर प्रदेश की सियासत में प्रतापगढ़ का कद काफी बड़ा है। राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह तथा डॉ. महेंद्र सिंह योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। मोती सिंह प्रतापगढ़ के पट्टी से विधायक हैं तो डॉ. महेंद्र सिंह 2012 से विधान परिषद सदस्य हैं। जनसत्ता दल का गठन करने वाले चर्चित निर्दलीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया का कुंडा में अलग ही साम्राज्य चलता है। 1993 से निर्दलीय विधायक राजा भैया की दबंगई के किस्से काफी प्रचलित है। रामपुर खास से विधायक रहे प्रमोद तिवारी की भी दबंगई किसी से कम नहीं है। वह रामपुर खास ने लगातार आठ बार विधायक रहे। अब उनकी बेटी अराधना मिश्रा उर्फ मोना रामपुर खास से विधायक और प्रदेश में कांग्रेस विधायक दल की नेता हैं।