Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'हिंदू नाम का कोई धर्म नहीं, केवल धोखा है', स्वामी प्रसाद मौर्य के एक और बयान पर बवाल, लोगों का फूटा गुस्सा

    By Jagran NewsEdited By: Pragati Chand
    Updated: Mon, 28 Aug 2023 01:38 PM (IST)

    SP leader Swami Prasad Maurya स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयान को लेकर राजनीतिक सियासत गरमा गई है। सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के हिंदू धर्म के खिलाफ दिए गए बयान का ट्वीट देख लोग अपनी- अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। इंटरनेट मीडिया पर स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान को लेकर तरह- तरह के पोस्ट लिखे जा रहे हैं।

    Hero Image
    समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य। सौ. ट्विटर @SwamiPMaurya

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य का एक और विवादित बयान सामने आया है। उन्होंने कहा... ‘ब्राह्मणवाद की जड़ें बहुत गहरी हैं और सारी विषमता का कारण भी ब्राह्मणवाद ही है। हिंदू नाम का कोई धर्म है ही नहीं, हिंदू धर्म केवल धोखा है। सही मायने में जो ब्राह्मण धर्म है, उसी ब्राह्मण धर्म को हिंदू धर्म कहकर इस देश के दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों को अपने धर्म के मकड़जाल में फंसाने की एक साजिश है। अगर हिंदू धर्म होता तो आदिवासियों, दलितों व पिछड़ों का भी सम्मान होता, लेकिन क्या विडंबना है कि आदिवासी समाज से आने वाली राष्ट्रपति को मंदिर में जाने से रोक दिया जाता है। आदिवासी समाज हिंदू होता तो क्या उनके साथ ऐसा बर्ताव होता?’

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    स्वामी प्रसाद ने इंटरनेट मीडिया पर करीब छह मिनट का एक वीडियो शेयर किया है। इसमें मौर्य ने हिंदू धर्म के अस्तित्व पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा ‘हम भले ही पागल होकर हिंदू के नाम पर मरें किंतु ब्राह्मणी देवता के चतुर चालाक लोग आज भी हमको आदिवासी मानते हैं। इस तरह पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द के साथ भी हो चुका है। वह पुष्कर के मंदिर गए थे तो वहां के पंडे ने उन्हें अंदर जाने से रोक दिया था।’

    इसे भी पढ़ें, Meerut News: पूर्व सांसद शाहिद अखलाक के बेटे की हैवानियत के राज तलाशेगी पुलिस, होटल क्राेम से CCTV फुटेज गायब

    इसे भी पढ़ें, Uttar Pradesh News: बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर मामले में सभी पक्षों की बैठक, नतीजा हाईकोर्ट में होगा सार्वजनिक

    मौर्य ने आगे कहा कि जिसे आप हिंदू धर्म कहकर उसके दीवाने और पागल होकर अपना सब कुछ लुटा देते हैं, लेकिन वे आपको सम्मान नहीं देंगे क्योंकि वे आपको नीच व अधर्म मानते हैं। आपको अपमानित करना अपना धर्म मानते हैं। जब अखिलेश यादव मुख्यमंत्री पद से हटे, तब इन्हीं सत्ता दल के लोगों ने मुख्यमंत्री आवास को गोमूत्र से धोया। जब इससे मन नहीं भरा तो गंगाजल से धोया गया। क्या अगर ब्राह्मणी देवता का कोई मुख्यमंत्री होता तो किसी की हिम्मत पड़ती कि उसे गोमूत्र और गंगा जल से धुल देता। उसे इसलिए धुला गया क्योंकि अखिलेश यादव पिछड़े समाज में पैदा हुए हैं।

    सनातन का अपमान करने वालों को सबक सिखाएगी जनता : डा. दिनेश

    सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयान पर पलटवार करते हुए पूर्व उपमुख्यमंत्री डा.दिनेश शर्मा ने कहा कि सनातन धर्म का अपमान करने वाले दलों की राजनीतिक खेती को जनता 2024 में पूरी तरह से उजाड़ देगी। जातियों को छोड़कर हिंदू समाज के रूप में एकजुट हुई जनता की खुशी ऐसे दलों से देखी नहीं जा रही। ये ऐसे लोग हैं जो वर्षों से जनता को जाति धर्म के खांचे में बांटकर राजनीति की रोटी सेंकते रहे हैं। उन्होंने कहा कि सपा नेता का बयान दुर्भाग्यपूर्ण, लोकतांत्रिक मर्यादाओं का उल्लंघन और संवैधानिक अधिकारों का हनन है। सपा और नए बने गठबंधन जानबूझकर कभी हिंदू धर्म तो कभी धर्म ग्रंथों को तो कभी ब्राह्मणों को लेकर अनर्गल प्रलाप करते रहते हैं।

    हिंदू धर्म पर बयान देकर अपनी ही पार्टी में घिरे स्वामी प्रसाद मौर्य

    स्वामी प्रसाद मौर्य के हिंदू धर्म पर एक और विवादास्पद बयान सामने आने के बाद वह अपनी ही पार्टी में घिर गए हैं। सपा नेताओं ने उनके बयान से किनारा कर लिया है। सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि यह उनकी व्यक्तिगत राय है, इसका पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है। सपा सभी धर्मों का सम्मान करती है। हम धर्म-निरपेक्षता को मानने वाले लोग हैं। सपा के विधानसभा में मुख्य सचेतक मनोज कुमार पाण्डेय ने कहा कि राजनीति को चमकाने के लिए कोई भी नेता धर्म को निशाना न बनाए। सपा सभी धर्मों का सम्मान करती है। हमें किसी भी जाति व धर्म के खिलाफ बोलने का अधिकार नहीं है। वहीं, सपा नेता आइपी सिंह ने भी मौर्य को घेरते हुए कहा कि उन्हें धार्मिक मुद्दों पर हर दिन बोलने से बचना चाहिए। इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट किया कि आपने वर्षों पहले बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया था, इसका यह मतलब कतई नहीं है कि आप हिंदू धर्म की लगातार आलोचना करें।