PM Kusum Yojana: यूपी के किसानों को मिलेगा 2.5 लाख तक का लाभ, 15 दिसंबर से पहले कर लें आवेदन
उत्तर प्रदेश में, प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम कुसुम) योजना के तहत 40521 सोलर पंप अनुदान पर दिए जाएंगे। कृषि विभाग की वेबसाइट पर 15 दिसंबर तक आवेदन किया जा सकता है। यह योजना केवल पंजीकृत किसानों के लिए है। दो एचपी पंप पर 98,593 रुपये तक का अनुदान मिलेगा। आवेदन के लिए ऑनलाइन बुकिंग करते समय टोकन मनी जमा करनी होगी।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम कुसुम) योजना के तहत प्रदेश में 40521 सोलर पंप अनुदान पर उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके लिए कृषि विभाग की वेबसाइट www.agriculture.up.gov.in पर आवेदन की शुरुआत हो गई है। किसान 15 दिसंबर तक आवेदन कर सकते है। योजना का लाभ विभागीय वेबसाइट पर पंजीकृत किसानों को ही मिलेगा।
प्रदेश में वर्ष 2019-20 से प्रदेश सरकार द्वारा भारत सरकार के सहयोग से पीएम-कुसुम योजना का संचालन किया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में 28,811 कृषक प्रक्षेत्रों पर विभिन्न क्षमता के सोलर पंपों की स्थापना कराई गई थी, हालांकि 40,521 हजार पंप की स्थापना का लक्ष्य शेष रह गया था।
पिछले दिनों कैबिनेट ने इस अवशेष लक्ष्य को चालू वित्तीय वर्ष में पूरा करने का निर्णय लिया था। कृषि विभाग के अनुसार दो एचपी डीसी/एसी सरफेस पंप पर 98,593 रुपये का अनुदान मिलेगा।
दो एचपी के डीसी सबमर्सिबल पंप पर 1,00,215 रुपये व एसी सबमर्सिबल पंप 99,947 रुपये और तीन एचपी के डीसी सबमर्सिबल पंप पर 1,33,621 रुपये व एसी सबमर्सिबल पंप पर 1,32,314 रुपये का अनुदान मिलेगा। जबकि पांच एचपी एसी सबमर्सिबल पंप पर 1,88,038 रुपये और 7.5 एचपी एसी व 10 एचपी एसी सबमर्सिबल पंप पर किसानों को अलग-अलग अनुदान के रूप में सर्वाधिक 2,54,983 रुपये का लाभ मिलेगा।
किसानों को आवेदन के लिए वेबसाइट पर ‘अनुदान हेतु सोलर पंप की बुकिंग करें’ विकल्प पर क्लिक करना होगा। आनलाइन बुकिंग के साथ टोकन मनी के रूप में पांच हजार रुपये जमा करने होंगे। बुकिंग कंफर्म होने के बाद पंजीकृत मोबाइल पर किसानों को सूचना प्राप्त हो जाएगी।
इसके बाद किसानों को अनुदान के बाद बची अवशेष धनराशि आनलाइन जमा करनी होगी। अधिक आवेदन होने पर लाभार्थी का चयन ई-लाटरी के जरिए होगा। कृषि विभाग के मुताबिक सोलर पंप के लिए आठ इंच की बोरिंग अनिवार्य है। यह बोरिंग स्वयं किसान की होगी। सत्यापन के समय बोरिंग न पाए जाने पर टोकन मनी की धनराशि जब्त होगी और आवेदन निरस्त हो सकता है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।