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    Surya Grahan 2022: सूर्य ग्रहण पर इन मंत्रों का जरूर करें जाप; पढ़ें किस राशि पर क्या पड़ेगा असर

    Surya Grahan 2022 सूर्य ग्रहण के दौरान देवी-देवताओं के बीज मंत्र भगवान् विष्णु गायत्री मंत्र अथवा महामृत्युंजय मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए। ग्रहण का प्रभाव कम हो जाता है। ग्रहण काल में गर्भवतियां अपने पास कुश और गंगा जल रखे और मंत्रों का जाप मन में करें।

    By Vikas MishraEdited By: Updated: Tue, 25 Oct 2022 10:05 AM (IST)
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    Surya Grahan 2022: खंडग्रास सूर्यग्रहण दिन में दोपहर 2:28 बजे से सांयकाल 6:33 बजे तक रहेगा

    Surya Grahan 2022: लखनऊ, जागरण संवाददाता। दीपावली के दूसरे दिन मंगलवार को भोर में ही मंदिर के कपाट बंद हो गए शाम 4:42 पर लगने वाले सूर्यग्रहण को लेकर 12 घंटे पहले शुरू हुए सूतक के मान के साथ ही कपाट बंद हो गए कपाट बंद होने से पहले मंदिरों में पूजन किया गया आचार्य आनंद दुबे ने बताया सूर्य ग्रहण आंशिक है इसलिए इसका ज्यादा असर तो नहीं होगा लेकिन ग्रहण के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों का पालन करना होगा। खंडग्रास सूर्यग्रहण दिन में दोपहर 2:28 बजे से सांयकाल 6:33 बजे तक रहेगा, लेकिन भारत में ग्रहण का स्पर्श शाम 4:42 पर और मोक्ष शाम 5:22 पर होगा।

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    यह ग्रहण भारत में थोड़े समय ही दृश्य होगा और ग्रसतास्त होगा अर्थात ग्रहण की समाप्ति के पूर्व ही सूर्य अस्त हो जायेगा भारत के अलावा यह ग्रहण यूरोप, मध्य पूर्व , उत्तरी अफ्रीका, पश्चिम एशिया आदि देशो में दिखाई देगा भारत के उत्तर पूर्व के कुछ क्षेत्रो (इम्फाल, कोहिमा, डिब्रूगढ़ को छोड़कर ) पुरे भारत में दिखाई देगा। इसका सूतक ग्रहण आरंभ होने से 12 घंटे पहले लग जाता है। सूर्य ग्रहण तुला राशि एवं स्वाति नक्षत्र में लग रहा है अत : तुला राशि वालो के लिए अशुभफलप्रद रहेगा।

    मेष, मिथुन, कर्क ,कन्या वृश्चिक, कुम्भ , मीन राशि के लिए भी शुभ नहीं है सूर्य ग्रहण के दौरान तुला राशि में चार ग्रहों की युति होगी, सूर्य के साथ ही तुला राशि में केतु, शुक्र और चंद्रमा भी विराजमान रहेंगे राहु और शनि की दृष्टि भी सूर्य पर होगी तुला में शुक्र के होने से सूर्य का नीचभंग भी हो रहा है, ग्रहण से पहले तुलसी के पत्ते को खाने की वस्तुओं में रख दें। ऐसा करने से भोजन पर भी ग्रहण का प्रभाव नहीं पड़ता है।

    इन मंत्रों का करें जाप: सूर्य ग्रहण के दौरान देवी-देवताओं के बीज मंत्र, भगवान् विष्णु, गायत्री मंत्र अथवा महामृत्युंजय मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए। ग्रहण का प्रभाव कम हो जाता है। ग्रहण काल में गर्भवतियां अपने पास कुश और गंगा जल रखे और मंत्रों का जाप मन में करें। भगवान की प्रतिमा को स्पर्श ना करें। दिवाली की रात को एवं ग्रहणकाल को मंत्र साधना, तंत्र साधना सिद्धि के लिए के लिए बहुत ही उत्तम माना गया है। इस समय मंत्र साधना, तंत्र साधना जल्द सफल होती है । 

    कार्तिक पूर्णिमा पर खंडग्रास चंद्र ग्रहण 8 नवम्बर को दिन 2 :39 से सांयकाल 6:19 तक रहेगा यह चंद्र ग्रहण मेष राशि और भरणी नक्षत्र में लगेगा। सूर्य ग्रह के शुभ प्रभाव हेतु सूर्य को जल चढ़ाये और गायत्री मंत्र का जाप करे।

    आचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि मेदनी ज्योतिष के अनुसार एक माह में दो ग्रहण का होना अशुभफलप्रद माना जाता है यह न केवल आमजन वरन सत्ता पक्ष लिए शुभ नहीं कहा जा सकता प्रकाश के पर्व पर ये ग्रहण विश्वस्तर पर भी यूरोप ,पश्चिम एशिया आदि देशो में ऊर्जा संकट का सामना करना पड़ सकता है।

    राशियों के अनुसार करें दान

    • मेष राशि के जातक शिव चालीसा का पाठ करें और तिल व गुड़ का दान करें। वृषभ राशि के जातक गरीबों को कंबल और ऊनी वस्त्रों का दान करें।
    • मिथुन राशि ग्रहण के बाद चीटियों को पंजीरी और गाय को हरा चारा खिलाएं, अवश्य लाभ होगा।
    • कर्क राशि गुड़ और शहद का दान करें इससे लाभ मिलेगा।
    • कन्या राशि के जातक ग्रहण के बाद गुड़ ,तिल और अनाज का दान करें इससे घर में सुख समृद्धि आएगी।
    • तुला राशि किसी धार्मिक स्थल की यात्रा करें और गरीबों को ऊनी कपड़ों व गेहूं का दान करें।
    • वृश्चिक राशि के जातकों को सफेद तिल, गुड़, दूध और गेहूं का दान करें
    • कुंभ राशि के जातक शहद, गुड़ और तिल का दान करें।
    • मीन राशि के जातक घी, शहद, तिल, गुड़ का दान करें। ये आपके लिए लाभदायक रहेगा