सामाजिक विज्ञान की पढ़ाई बच्चों की बदलेगी सोच, यूपी में नए मॉड्यूल दिशांतरण पर जोर
उत्तर प्रदेश में सामाजिक विज्ञान की पढ़ाई अब बच्चों की सोच में बदलाव लाएगी। इसके लिए नए मॉड्यूल दिशांतरण पर जोर दिया जा रहा है। इस नए प्रयास से बच्चों ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। प्रदेश में कक्षा छह से आठ तक सामाजिक विज्ञान पढ़ाने का तरीका अब बदलेगा। राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने उच्च प्राथमिक शिक्षकों के लिए विशेष प्रशिक्षण मॉड्यूल ‘दिशांतरण’ तैयार किया है।
इसके माध्यम से कोशिश है कि सामाजिक विज्ञान की कक्षा को रटने वाला विषय न रखकर सोच, समझ और संवाद की प्रयोगशाला बनाना है। इसके लागू होने से छात्र केवल पाठ याद नहीं करेंगे, बल्कि सवाल पूछेंगे, तर्क करेंगे और समाधान तलाशने की क्षमता विकसित करेंगे।
इसमें सामाजिक विज्ञान को समाज को समझने, स्वीकारने और सुधारने की दिशा से जोड़ना है। परिषद का मानना है कि शिक्षक सिर्फ पाठ्यपुस्तक ही नहीं पढ़ाते, बल्कि बच्चों में लोकतांत्रिक मूल्यों, संवेदनशीलता और जिम्मेदारी की नींव भी रखते हैं।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति और नई राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा के अनुरूप बनाए गए इस मॉड्यूल में गतिविधि-आधारित शिक्षण, स्थानीय उदाहरण, परियोजना कार्य, डिजिटल सामग्री और तकनीकी एकीकरण जैसे आधुनिक तरीकों को शामिल किया गया है।
इतिहास, भूगोल और नागरिक शास्त्र को अब केवल परिभाषाओं तक सीमित नहीं रखा जाएगा, बल्कि दैनिक जीवन, पर्यावरण, सामाजिक व्यवहार और लोकतांत्रिक जिम्मेदारियों से सीधे जोड़ा जाएगा।
परिषद के निदेशक गणेश कुमार का कहना है कि मॉड्यूल का उद्देश्य सामाजिक विज्ञान को अनुभव और चिंतन आधारित बनाना है। संयुक्त निदेशक डा. पवन सचान ने कहा कि इससे शिक्षकों को स्थानीय संदर्भों, गतिविधियों और डिजिटल संसाधनों के उपयोग में स्पष्ट दिशा मिलेगी।

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