UP: पूर्व सांसद धनंजय के साथ हत्या के प्रयास के सह आरोपित आलोक पर भी कसा जा रहा शिकंजा
Banned Cough Syrup Smuggling Case : लखनऊ में वर्ष 2019 में वह धनंजय सिंह के साथ हत्या के प्रयास में सह आरोपी था। दोनों के खिलाफ हजरतगंज थाने में 31 जु ...और पढ़ें

बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह--जौनपुर से पूर्व सांसद धनंजय सिंह
राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊः प्रतिबंधित कफ सीरप तस्करी कांड में गिरफ्तार अमित सिंह टाटा की गिरफ्तारी के बाद से चर्चा में आया एसटीएफ से बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह जौनपुर से पूर्व सांसद धनंजय सिंह का करीबी था। इतना करीबी था कि लखनऊ में वर्ष 2019 में वह धनंजय सिंह के साथ हत्या के प्रयास में सह आरोपी था। दोनों के खिलाफ हजरतगंज थाने में 31 जुलाई 2019 को रिपोर्ट दर्ज की गई थी।
कफ सीरप तस्करी कांड में अमित सिंह टाटा की गिरफ्तारी के बाद से ही आलोक का नाम सामने आने लगा। पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने प्रतिबंधित कफ सीरप की तस्करी के मामले से कन्नी काट ली थी, लेकिन सोशल मीडिया पर अमित सिंह टाटा और आलोक सिंह के साथ उपलब्ध कई फोटो व वीडियो ने इनके साथ दोनों के करीबी रिश्तों को उजागर किया था। आजाद अधिकार सेना ने इस मामले में बुधवार एक एफआइआर की कापी सार्वजनिक की है। यह एफआइआर लखनऊ के हजरतगंज थाने में 31 जुलाई 2019 को दर्ज की गई थी। एफआइआर में पुलिस ने धनंजय के साथ आलोक को सहआरोपी बनाया है। मामला हत्या के प्रयास का है।
एसेंजियों ने जांच का दायरा बढ़ा दिया
मध्य प्रदेश में प्रतिबंधित कफ सीरप पीने से हुई बच्चों की मौत के मामले की जांच शुरू होने के बाद अब तक अमित सिंह टाटा और आलोक सहित उत्तर प्रदेश से तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपितों के साथ पूर्व सांसद के संबंधों के सामने आने के बाद एसेंजियों ने जांच का दायरा बढ़ा दिया है।
दोनों के पुराने और करीबी रिश्ते उजागर
आजाद अधिकार सेना के अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने डीजीपी को भेजी शिकायत में स्पष्ट तौर पर उल्लेख किया है कि इस मामले में निष्पक्ष जांच के लिए एसटीएफ के एएसपी लाल प्रताप सिंह को तत्काल स्थानांतरित किया जाए। उन्होंने शिकायत में यह भी लिखा है कि बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह के बारे में एसटीएफ ने सुशांत गोल्फ सिटी और आशियाना थाने की एफआइआर की जानकारी सार्वजनिक की है, लेकिन हजरतगंज थाने में दर्ज एफआइआर की जानकारी नहीं दी गई है। इस एफआइआर में धनंजय के साथ आलोक भी आरोपित है। इससे दोनों के पुराने और करीबी रिश्ते उजागर होते हैं।
चार किलो सोना लूट केस में गई थी आलोक की नौकरी
अमित सिंह टाटा की गिरफ्तारी के बाद से आलोक सिंह की तलाश शुरू की गई थी और दो दिसंबर को लखनऊ में उसे गिरफ्तार किया गया। बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह की नौकरी चार किलो सोना लूट केस में गई थी। प्रयागराज में तैनाती के दौरान व्यापारी से चार किलो का सोना लूट की जांच में संलिप्तता मिलने पर आलोक सिंह और सुशील पचौरी को बर्खास्त कर दिया गया था। दोनों को जेल भी जाना पड़ गया था। इसके बाद आलोक सिंह को वर्ष 2022 में कोर्ट के आदेश पर बहाल कर दिया गया था।
आलोक फिर बाहुबली पूर्व सांसद की शह पर दबंगई बढ़ाता गया। दोबारा पुलिस की नौकरी मिलने पर भी उसका रवैया नहीं बदला। उसका नाम कई घटनाओं में आने लगा। उसने अपना तबादला यूपी पॉवर कारपोरेशन में करवाया, फिर तैनाती लखनऊ पुलिस लाइन में हो गई। यहां से ड्यूटी लगाने पर भी वह कहीं नहीं जाता था। इसके बाद उसका नाम नाका थाना क्षेत्र में हुई एक लूट में आया। इस आरोप पर उसे लाइन हाजिर कर दिया गया था। आलोक सिंह का नाम गाजियाबाद में दर्ज एफआईआर में भी है।

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