Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Smart Meter: उपभोक्ताओं के घरों पर लगाए जा रहे हैं चीन में बने स्मार्ट प्रीपेड मीटर, मुख्यमंत्री से की जांच की मांग

    उपभोक्ताओं ने बिजली कंपनियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि बिजली कंपनियां स्मार्ट प्रीपेड मीटरों को पोस्ट पेड मोड में लगा रही हैं जो कि नियमों के विरुद्ध है। उपभोक्ताओं ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि इस मामले की जांच कराई जाए और बिजली कंपनियों के साथ चीन में निर्मित स्मार्ट प्रीपेड मीटर की आपूर्ति करने वाली कंपनियों की मिलीभगत की जांच की जाए।

    By Jagran News Edited By: Shivam Yadav Updated: Sun, 05 Jan 2025 02:30 AM (IST)
    Hero Image
    प्रदेश में पांच लाख से ज्यादा स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जा चुके हैं।

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। उपभोक्ताओं ने बिजली कंपनियों पर स्मार्ट प्रीपेड मीटरों को पोस्ट पेड मोड में लगाने का आरोप लगाया है। साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मांग की है कि बिजली कंपनियों के साथ चीन में निर्मित स्मार्ट प्रीपेड मीटर की आपूर्ति करने वाली कंपनियों की मिलीभगत की जांच कराई जाए। उपभोक्ताओं ने यह आरोप भी लगाया है कि प्रदेश में पांच लाख से ज्यादा स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जा चुके हैं, लेकिन अभी तक सुरक्षा जांच नहीं की गई है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के साप्ताहिक वेबिनार में उपभोक्ताओं ने कहा कि 25,000 स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगने के बाद नियमानुसार साफ्टवेयर व हार्डवेयर की साइबर सुरक्षा जांच की जानी चाहिए थी, लेकिन पांच लाख से ज्यादा मीटर लगने के बाद भी जांच नहीं की जा रही है। 

    इस बारे में परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने बताया कि उपभोक्ताओं ने यह सवाल भी उठाया है कि बिहार में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने वाली कंपनी ने एक आईएएस अधिकारी को लग्जरी कार गिफ्ट में दी थी। इसलिए उत्तर प्रदेश में भी उपभोक्ताओं के हितों को किनारे करके कंपनियां कुछ इसी प्रकार का खेल कर सकती हैं। उन्होंने बताया कि बिना सुरक्षा जांच के प्रदेश में चीन निर्मित स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जा रहे हैं। इसलिए पूरे मामले की जांच जरूरी है।

    शीतलहर से बचाव के लिए प्रदेश में 1,240 रैन बसेरों का विस्तार

    शीतलहर से बचाव के लिए प्रदेश के 1,240 रैन बसेरों में सुविधाओं का विस्तार किया है। रैन बसेरों में सर्दी से बचाव के पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस संदर्भ में अधिकारियों को निर्देश दिया है कि रैन बसेरों का संचालन पूरी संवेदनशीलता और जिम्मेदारी के साथ किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को यह निर्देश भी दिया है कि कोई भी व्यक्ति खुले आसमान, डिवाइडर, सड़क की पटरी या पार्कों में सोने को मजबूर न हो।

    राहत आयुक्त कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार प्रदेश में सर्दी से बचाव के लिए तीन लाख से अधिक कंबल वितरित किए जा चुके हैं। साथ ही रैन बसेरों में महिलाओं की सुरक्षा और उनकी जरूरतों का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। रैब बसेरों में पर्याप्त रोशनी, स्वच्छता और अलाव की व्यवस्था भी की गई है।

    राहत आयुक्त कार्यालय में स्थापित कंट्रोल रूम से रैन बसेरों, अलाव और कंबल वितरण की स्थिति पर सीधे संवाद किया जा रहा है। साथ ही नगर निगमों को निर्देश दिए गए हैं कि रैन बसेरों की जानकारी आम जन तक पहुंचाने के उसकी सूची सार्वजनिक की जाए।

    बस अड्डों और प्रमुख स्थलों पर लगे डिजिटल स्क्रीन पर भी रैन बसेरों की जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। जिलाधिकारियों और नगर आयुक्तों को रैन बसेरों और अलाव की व्यवस्था का नियमित निरीक्षण करने के निर्देश दिए गए हैं।