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    UPPCL: यूपी में स्मार्ट प्रीपेड मीटर हटा लिए जाएंगे? आयोग ने घोटाले को लेकर CBI जांच की मांग की

    Updated: Sun, 26 Oct 2025 08:39 AM (IST)

    राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने स्मार्ट प्रीपेड मीटरों की खरीद और स्थापना में वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया है। परिषद ने केंद्र सरकार द्वारा अनुमोदित लागत और प्रदेश में दिए गए टेंडर में अंतर पर सवाल उठाया। परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने नए कनेक्शनों से वसूली और अन्य राज्यों की तुलना में अधिक दरों पर भी प्रश्न उठाए। उन्होंने मुख्यमंत्री से सीबीआई और ईडी से जांच कराने की मांग की है।

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    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने प्रदेश में स्मार्ट प्रीपेड मीटर की खरीद और इसे उपभोक्ताओं के परिसर में लगाने में बड़े वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाया है। सवाल उठाया कि केंद्र सरकार ने स्मार्ट प्रीपेड मीटर परियोजना की लागत 18885 करोड़ अनुमोदित किया था तो प्रदेश में टेंडर 27342 करोड़ रुपये में क्यो दिया गया?

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    कहा कि अतिरिक्त खर्च 8500 करोड़ रुपये की वसूली गलत तरीके से उपभोक्ताओं से की जा रही है। परिषद ने प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए जांच सीबीआइ व ईडी से कराने की मुख्यमंत्री से मांग की है।

    परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा का कहना है कि 10 सितंबर से अब तक लगभग 20243 नए कनेक्शन स्मार्ट प्रीपेड मीटर से जारी किए गए हैं। इनमें से 12944 घरेलू सिंगल फेस कनेक्शन हैं। कनेक्शन लेने वालों में एक किलोवाट क्षमता वाले 4002 उपभोक्ता हैं।

    प्रति मीटर 6016 रुपये की दर से एक माह में ही उपभोक्ताओं से लगभग 13.20 करोड़ की मीटर के एवज में वसूली की जा चुकी है। वर्मा ने कहा कि पावर कारपोरेशन प्रबंधन बार-बार कह रहा है कि नियामक आयोग ने 2019 के बाद कास्ट डाटा बुक जारी नहीं किया।

    इसके लिए प्रबंधन को ही दोषी ठहराते हुए कहा कि उसके द्वारा ही बार-बार गलत कास्ट डाटा प्रस्तावित की जाती है। प्रबंधन द्वारा महाराष्ट्र और हरियाणा में मीटर की अधिक कीमत बताए जाने पर वर्मा ने कहा कि हरियाणा में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने वाले उपभोक्ताओं को पांच प्रतिशत छूट मिलती है, फिर उत्तर प्रदेश में दो प्रतिशत ही छूट क्यों है?

    बताया है कि महाराष्ट्र में सिंगल फेस स्मार्ट मीटर 2610 रुपये में लग रहे हैं, जबकि यूपी में इसके लिए 6016 रुपये लिया जा रहा है। राजस्थान में महज 2500 रुपये में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जा रहे हैं। परिषद अध्यक्ष ने उत्तर प्रदेश में मीटर की अधिक दर के औचित्य पर सवाल उठाते हुए कहा कि महाराष्ट्र में मीटर की दरों को लेकर विवाद है।