Smart Meter: क्या यूपी में स्मार्ट मीटर चल रहा तेज, जिसकी वजह से बढ़ गया बिल? आयोग तक पहुंच गई बात
लखनऊ राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने स्मार्ट प्रीपेड मीटर और चेक मीटर की रीडिंग सार्वजनिक न करने पर नियामक आयोग से शिकायत की है। परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने 39 लाख स्मार्ट मीटरों की रीडिंग रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग की है ताकि मीटरों के तेज चलने की आशंका दूर हो। उन्होंने भारत सरकार से भी हस्तक्षेप का आग्रह किया है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। बिजली कनेक्शन में लगाए गए स्मार्ट प्रीपेड मीटर व चेक मीटर की रीडिंग मिलान की रिपोर्ट सार्वजनिक न किए जाने पर सवाल उठाते हुए उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने विद्युत नियामक आयोग का दरवाजा खटखटाया है।
परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने प्रस्ताव दाखिल कर कहा है कि प्रदेशभर में लगाए गए 39 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर के साथ दो लाख से ज्यादा चेक मीटर लगाए जाने का दावा किया जा रहा है लेकिन आज तक रीडिंग की रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई है। ऐसे में स्मार्ट प्रीपेड मीटर के तेज चलने की उपभोक्ताओं की आशंका का समाधान नहीं हो पा रहा है।
स्मार्ट प्रीपेड मीटर योजना के तहत प्रदेश में लगभग 27,342 करोड़ रुपये की लागत के बिजली कनेक्शन में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जा रहे हैं। 15 सिंतबर तक 39,33,924 स्मार्ट प्रीपेड मीटर के साथ 2,24,226 चेक मीटर लगाने की बात विद्युत वितरण कंपनियां(डिस्काम) कर रही हैं।
गौर करने की बात यह है कि बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं की स्मार्ट प्रीपेड मीटर को लेकर शिकायतें है। स्मार्ट प्रीपेड मीटर के तेज चलने से लेकर उसका लोड जंप करने की शिकायतें की जा रही हैं।
परिषद अध्यक्ष का कहना है कि डिस्काम मीटर रीडिंग का मिलान कर रिपोर्ट ही भारत सरकार को नहीं दे रहे हैं जिससे प्रीपेड मीटर के सही कार्य करने को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है। वर्मा ने बताया कि रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग को लेकर आयोग में प्रस्ताव दाखिल के साथ ही भारत सरकार के ग्रामीण विद्युतीकरण निगम को भी लिखकर हस्तक्षेप करने की मांग की है।
डिस्काम | स्थापित मीटर | चेक मीटर |
---|---|---|
पूर्वांचल | 13,32,868 | 84,867 |
मध्यांचल | 9,01,361 | 57,578 |
दक्षिणांचल-केस्को | 9,23,520 | 50,624 |
पश्चिमांचल | 7,76,175 | 31,157 |
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