Smart Meter: बिजली कंपनियां नहीं दे रही स्मार्ट प्रीपेड व चेक मीटर की रीडिंग मिलान की रिपोर्ट, पारदर्शिता का अभाव
उत्तर प्रदेश में बिजली कंपनियां स्मार्ट प्रीपेड मीटर और चेक मीटर की रीडिंग का मिलान रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं कर रही हैं जिससे उपभोक्ताओं में भ्रम है। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने भारत सरकार के ग्रामीण विद्युतीकरण निगम को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग की है ताकि मीटर रीडिंग की रिपोर्ट सार्वजनिक की जा सके और उपभोक्ताओं का भ्रम दूर हो।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। बिजली कंपनियां उपभोक्ताओं के घरों में लगाए जा रहे स्मार्ट प्रीपेड मीटर व चेक मीटर की रीडिंग मिलान की रिपोर्ट नहीं दे रही हैं। रिपोर्ट सार्वजनिक करने संबंधी उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के मांग पत्र को भारत सरकार के ग्रामीण विद्युतीकरण निगम को भेजा गया है।
परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा का कहना है कि प्रदेशभर में लगाए गए 39 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर के साथ दो लाख से ज्यादा चेक मीटर लगाए जाने का दावा बिजली कंपनियां कर रही हैं।
मीटर रीडिंग का मिलान कर रिपोर्ट भारत सरकार को नहीं भेजी जा रही हैं, जिससे उपभोक्ताओं में प्रीपेड स्मार्ट मीटर के तेज चलने से लेकर भार जंप करने पर भ्रम की स्थिति बनी हुई है।
वर्मा ने बताया कि इस संबंध में पिछले दिनों नियामक आयोग में प्रस्ताव दाखिल करने के साथ ही भारत सरकार के ग्रामीण विद्युतीकरण निगम से हस्तक्षेप करने की मांग की गई थी।
उनकी मांग पर निगम के क्षेत्रीय कार्यालय के प्रोग्राम मैनेजर एसएस गुप्ता द्वारा सोमवार को संबंधित पत्र अधिशासी निदेशक को भेजकर कहा गया है कि भारत सरकार के निर्देश के बावजूद बिजली कंपनियां मिलान रिपोर्ट नहीं दे रही हैं।
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