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    Vande Bharat Express का खजुराहो-महोबा रूट पर शानदार ट्रायल, 130 किमी की तय की रिकॉर्ड रफ्तार

    Updated: Mon, 23 Dec 2024 08:50 PM (IST)

    खजुराहो-महोबा रेल पथ पर स्लीपर वंदे भारत एक्सप्रेस का 130 किमी. प्रति घंटा की रफ्तार से सोमवार को सफल ट्रायल हुआ। यह ट्रेन अभी ट्रायल पर है। बताया गया कि इसका रूट अभी तय नहीं हुआ है। बता दें कि 15 दिन तक खजुराहो से महोबा के रूट पर अभी ट्रेन का ट्रायल और चलेगा। अभी तक का ट्रायल शानदार रहा है।

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    खजुराहो-महोबा रूट पर 130 किमी. की गति से दौड़ी स्लीपर वंदेभारत एक्सप्रेस। (तस्वीर जागरण)

    जागरण संवाददाता, महोबा। खजुराहो-महोबा रेल पथ पर सोमवार को स्लीपर वंदेभारत एक्सप्रेस का 130 किमी. प्रति घंटा की गति पर ट्रायल किया गया। खजुराहो-झांसी रूट पर ट्रेनों का अधिक लोड नहीं होने से 16 कोच की इस ट्रेन का ट्रायल अभी 15 दिन और चलेगा। वंदे भारत एक्सप्रेस की बोगियां बेहद आकर्षक व सुविधापूर्ण हैं।

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    स्लीपर वंदेभारत एक्सप्रेस किस रूट पर चलेगी, अभी यह तय नहीं है। खजुराहो से महोबा के बीच 63 किमी. के रूट पर ट्रेनों का संचालन कम होता है, इसलिए इसको ट्रायल के लिए सबसे सुरक्षित माना जाता है। तकनीकी खामियां परखने के लिए रूट पर सात दिन ट्रेन का कम स्पीड में ट्रायल हुआ। अब गति सीमा बढ़ाई गई है।

    खजुराहो से महोबा रेलवे स्टेशन तक ट्रेन चलाई गई

    रविवार को 115 किमी. प्रति घंटा की गति में खजुराहो से महोबा रेलवे स्टेशन तक ट्रेन चलाई गई। सोमवार को रफ्तार बढ़ाकर 130 किमी. प्रति घंटा की गति से ट्रेन दौड़ाई गई। रविवार दोपहर 3:25 बजे ट्रेन महज 35 मिनट में खजुराहो से महोबा पहुंच गई, जबकि अन्य ट्रेनों को इतनी दूरी तय करने में एक घंटा 20-25 मिनट का समय लगता है। 

    वंदे भारत एक्सप्रेस रेलवे के जन संपर्क अधिकारी मनोज कुमार के अनुसार स्लीपर वंदेभारत के कोच के हर पहिये पर अलग से न्यूमेटिक एयरब्रेक सिस्टम लगा है, जो भारतीय रेल की नवीनतम तकनीक है। न्यूमेटिक एयरब्रेक सिस्टम के इस्तेमाल से ट्रेन के बेपटरी होने की आशंका न के बराबर है। अभी ज्यादातर ट्रेनों में वैक्यूम ब्रेक हैं। अगर कभी इमरजेंसी ब्रेक लगाना पड़े, तो ट्रेन साढ़े तीन सौ मीटर दूरी पर जाकर रुकती है।

    वैक्यूम ब्रेक सिस्टम में कई बार ट्रेन के बेपटरी होने का खतरा रहता है। न्यूमेटिक एयरब्रेक सिस्टम से अधिक गति में भी ट्रेन को 50 से 70 मीटर पर रोका जा सकता है। हर सीट के लिए पैनिक बटन है जो इलेक्ट्रानिक डिवाइस से आपरेट होता है। इसकी मदद से यात्री लोको पायलट के संपर्क में आ जाते हैं, जिससे किसी भी इमरजेंसी में ट्रेन को रोका जा सकता है। कोच में आरामदायक सीटों के साथ ही फ्लोर लाइटनिंग व्यवस्था के साथ बेहतर रोशनी का इंतजाम किया गया है।

    झांसी मंडल रेलवे के जन संपर्क अधिकारी मनोज कुमार सिंह ने बताया कि स्लीपर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन अभी ट्रायल पर है, रूट का निर्धारण नहीं किया गया है। 15 दिन तक खजुराहो से महोबा के रूट पर अभी ट्रेन का ट्रायल और चलेगा। अभी तक का ट्रायल शानदार रहा है। 

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