Skin Diseases : बरसात में रहे सतर्क, गीले कपड़े में एक सप्ताह तक जीवित रह सकते हैं फंगस और बैक्टीरिया
Dr Sonal Singh Skin Diseases Expert गीले कपड़ों से एलर्जी और सांस की परेशानी भी होती है। इससे बचाव के लिए तौलिये और अन्य कपड़ों को छह से आठ घंटे तक सीधी धूप में सुखाएं। सूरज की रोशनी में मौजूद किरणें फंगस और बैक्टीरिया को खत्म कर देती हैं। धूप नहीं निकल रही तो कपड़ों को 70 डिग्री सेल्सियस गर्म पानी में 45 मिनट धोएं।

विकास मिश्रा, जागरण, लखनऊ : डा. राममनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में त्वचा रोग विभाग की असिस्टेंट प्रो. डा. सोनल सिंह ने बरसात के मौसम में होने वाली बीमारियों से बचने की सलाह देने के साथ बचाव के उपाय भी बताए हैं। दैनिक जागरण के हेलो डाक्टर कार्यक्रम में उन्होंने पाठकों के जवाब दिए।
उन्होंने बताया कि बारिश में भीगना खतरनाक है। बारिश के मौसम में त्वचा रोगी की संख्या में वृद्घि होने लगती है। पिछले 15 दिनों में ऐसे मरीजों में करीब 50 प्रतिशत तक बढ़ोत्तरी हुई है। इनमें ज्यादातर फंगल इंफेक्शन के मरीज हैं। इसके अलावा दाद, खुजली, चकत्ते, लालिमा, एलर्जी, सनबर्न, रूखी त्वचा, नाखून में इंफेक्शन, मुंहासे और सफेद दाग की परेशानी लेकर भी लोग आते हैं।
डा. सोनल सिंह ने बताया कि गीले कपड़े फंगस और बैक्टीरिया की जड़ हैं। फंगस नमी में पनपता है, इसलिए गीले कपड़े, पसीना और शरीर को सूखा न रखना फंगल इंफेक्शन के लिए अनुकूल स्थिति पैदा कर सकता है। इस मौसम में पसीना भी अधिक होता है। गीले कपड़े में फंगस और बैक्टीरिया एक सप्ताह या उससे अधिक समय तक जीवित रह सकते हैं।
गीले कपड़ों से एलर्जी और सांस की परेशानी
गीले कपड़ों से एलर्जी और सांस की परेशानी भी होती है। इससे बचाव के लिए तौलिये और अन्य कपड़ों को छह से आठ घंटे तक सीधी धूप में सुखाएं। सूरज की रोशनी में मौजूद किरणें फंगस और बैक्टीरिया को खत्म कर देती हैं। धूप नहीं निकल रही तो कपड़ों को 70 डिग्री सेल्सियस गर्म पानी में 45 मिनट धोएं। कपड़े प्रेस करके ही पहनें। जिन्हें त्वचा की एलर्जी है वे सीधी धूप यानी सुबह 11 से शाम चार बजे तक बाहर निकलने से परहेज करें।
बारिश के मौसम में गर्दन के पास दाने और खुजली होना आम
उन्होंने कहा कि बारिश के मौसम में गर्दन के पास दाने और खुजली होना आम है और इसके कई कारण हो सकते हैं। मुख्यतः यह नमी, पसीना, और त्वचा के संक्रमण की वजह से होता है। कुछ लोगों को एलर्जी या त्वचा की समस्याओं के कारण भी यह होता है। इसे फालिकुलिटिस भी कहते हैं, जिसमें दानों में पस भर जाता है। लिहाजा, सफाई का ध्यान रखें। रोजाना साबुन से नहाएं। सूती और हल्के रंग के कपड़े पहनें। बारिश में भीगने से बचें।
त्वचा संक्रमण या फंगल इंफेक्शन
अगर आप बारिश में भीगे और देर तक गीले कपड़ों में रहना पड़ा है तो त्वचा संक्रमण या फंगल इंफेक्शन हो सकता है। बारिश में भीगने के बाद तुरंत सूखे कपड़े पहनना चाहिए। इसके बाद शरीर को गर्म रखने के लिए गुनगुना पानी पिएं और नारियल का तेल लगाएं। दरअसल, गीले से नमी बनी रहती है, जो बैक्टीरिया के पनपने के लिए अनुकूल माहौल बनाती है।
बारिश शुरू होते ही अक्सर पीठ पर लाल रंग के रेसेस होने के बारे में उन्होंने कहा कि बारिश के मौसम में पीठ पर लाल रंग के चकत्ते (रैशेज) होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि एलर्जी, फंगल इंफेक्शन। दरअसल, इस मौसम में पसीना अधिक होता है। साफ-सफाई का ध्यान रखें। सूती और हल्के रंग के कपड़े पहनें। खूब पानी पीएं। सुबह नहाने के बाद और रात में सोने से पहले नारियल का तेल लगाएं।
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