UP News: गांवों की छह लाख महिलाओं को मिलेगा रोजगार, पानी के नमूनों की करेंगी जांच; प्रति सैंपल मिलेंगे रुपये
UP Latest News जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य देने के साथ ही ग्रामीण महिलाओं के लिए रोजगार के नए द्वार भी खोले गए हैं। योजना के तहत प्रत्येक राजस्व गांव की पांच महिलाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य तय किया गया है।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। नमामि गंगे और ग्रामीण जलापूर्ति विभाग ने पीने के पानी की शुद्धता के लिए नए अभियान की शुरुआत की है। जल जनित बीमारियों के खात्मे के लिए महिलाओं की बड़ी फौज उत्तर प्रदेश में उतारी जा रही है। पहली बार छह लाख महिलाओं को वाटर सैम्पल (पानी के नमूने) की जांच में लगाया जाएगा। इसकी शुरुआत एक लाख महिलाओं के प्रशिक्षण से हो चुकी है। यह महिलाएं गांव-गांव जाकर पानी के नमूनों की जांच करेगी। इसके लिए सभी को टेस्टिंग किट दी जा रही है।
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि बुंदेलखंड, पूर्वांचल समेत प्रदेशभर में एक लाख से अधिक महिलाओं का प्रशिक्षण पूरा हो चुका है। प्रशिक्षित महिलाएं गांव में 70 हजार पानी के नमूनों की जांच कर जल निगम को भेज चुकी हैं। यह पहला मौका है, जब प्रदेश में जल जनित बीमारियों से लड़ाई के लिए गांव-गांव में इतनी बड़ी संख्या में महिलाओं को तैयार किया जा रहा है।
जल जीवन मिशन की इस योजना ने ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य देने के साथ ही ग्रामीण महिलाओं के लिए रोजगार के नए द्वार भी खोले हैं। महिलाओं को पानी की प्रत्येक जांच पर 20 रुपये दिए जा रहे हैं। योजना के तहत प्रत्येक राजस्व गांव की पांच महिलाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य तय किया गया है। प्रशिक्षण के दौरान टेस्ट किट दी जा रही है।
प्रत्येक राजस्व गांव में पांच महिलाओं के चयन का जिम्मा विकासखंड स्तरीय कमेटी को सौंपा गया है, जिसके सदस्य विकासखंड अधिकारी, संबंधित जिले के अधिशासी अभियंता, सहायक अभियंता, अवर अभियंता हैं। अब तक शाहजहांपुर, बिजनौर, फिरोजाबाद, पीलीभीत, बदायूं, बरेली, मुरादाबाद, बुलंदशहर, अंबेडकरनगर और संभल के राजस्व गांवों में सर्वाधिक महिलाओं को प्रशिक्षण दिया गया है।
जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने बताया कि ग्रामीण इलाकों में पीने के पानी की पर्याप्त आपूर्ति के साथ ही बेहतर स्वास्थ्य और रोजगार की दिशा में भी जल जीवन मिशन के तहत काम हो रहा है। इसी उद्देश्य के साथ महिलाओं को नमूनों की जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसके सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। भविष्य में यह तस्वीर और बेहतर होगी।
इन बीमारियों से मिलेगी निजात : दस्त, हैजा, टायफाइड, मलेरिया, डेंगू, त्वचा कैंसर, दांतों में फ्लोरोसिस, हड्डियों का फ्लोरोसिस, किडनी में पथरी, पाचनतंत्र का खराब होना आदि।
किट से 12 तरह की जांच संभव : फील्ड टेस्ट किट से पानी की समस्या और गुणवत्ता की 12 जांचें की जा सकती हैं। किट से महिलाएं नल, कुंओं, हैंडपंपों के पानी की जांच करेंगी। पीने के पानी में फ्लोराइड, आर्सेनिक जैसे घातक तत्वों की अधिकता पाए जाने पर जल निगम उस जल स्त्रोत को बंद करने या फिर समस्या के समाधान के प्रयास करेगा।