Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    UP News: माध्यमिक शिक्षकों के अंशदान घोटाले की जांच कर रही SIT, विधान परिषद में केशव प्रसाद मौर्य ने दी जानकारी

    By Alok MishraEdited By: Abhishek Pandey
    Updated: Tue, 28 Nov 2023 06:38 PM (IST)

    विधान परिषद में मंगलवार को सदस्यों ने शिक्षकों की समस्याओं को जोरशोर से उठाया। विशेषकर सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों की नवीन पेंशन योजना में अंशदान की रकम में घोटाले का मुद्दा उठा। लखनऊ समेत दो दर्जन से अधिक जिलों में अधिकारियों द्वारा नियमों को दरकिनार कर अंशदान की रकम निजी बैंकों में जमा किए जाने की जांच व कार्रवाई की मांग की गई।

    Hero Image
    माध्यमिक शिक्षकों के अंशदान घोटाले की जांच कर रही SIT, विधान परिषद में केशव प्रसाद मौर्य ने दी जानकारी

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। विधान परिषद में मंगलवार को सदस्यों ने शिक्षकों की समस्याओं को जोरशोर से उठाया। विशेषकर सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों की नवीन पेंशन योजना में अंशदान की रकम में घोटाले का मुद्दा उठा। लखनऊ समेत दो दर्जन से अधिक जिलों में अधिकारियों द्वारा नियमों को दरकिनार कर अंशदान की रकम निजी बैंकों में जमा किए जाने की जांच व कार्रवाई की मांग की गई।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    नेता सदन उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने बताया कि सरकार ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया है और इसकी जांच एसआइटी (विशेष जांच दल) से कराई जा रही है। जल्द जांच पूरी किए जाने के निर्देश भी दिए गए हैं। सरकारी की मंशा भ्रष्टाचार करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की है। जांच को समयबद्ध किए जाने की मांग भी उठी।

    शिक्षक दल के ध्रुव कांत त्रिपाठी ने सदन में इसे लेकर कार्यस्थगन कर चर्चा कराए जाने की मांग की। कहा कि पुरानी पेंशन व्यवस्था समाप्त करके एक अप्रैल, 2005 से नवीन पेंशन योजना लागू की गई थी। शासनादेश के अनुरूप नई योजना के तहत शिक्षकों के वेतन का 10 प्रतिशत अंशदान तथा राज्यांश का 14 प्रतिशत हिस्सा कटौती कर अंशदान जिला विद्यालय निरीक्षक के माध्यम से एनएसडीएल संस्था के माध्यम से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, एलआइसी एवं यूटीआइ में निवेश किया जाना था।

    कहा कि लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, गोरखपुर, अलीगढ़, इटावा, बलरामपुर, कासगंज, बिजनौर, रामपुर, देवरिया, गाजियाबाद, अंबेडकरनगर, चित्रकूट, फतेहपुर, मेरठ, आगरा, बाराबंकी,सोनभद्र व अन्य जिलों में बिना शिक्षकों व कर्मचारियों की सहमति के अंशदान की धनराशि निजी बैंकों में जमा की जा रही है। इसे लेकर कई एफआइआर भी दर्ज कराई गई हैं।

    अंशदान में घोटाले का आरोप लगाते हुए पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की। कहा कि नवीन पेंशन योजना में किसी अधिकारी का उत्तरदायित्व तक निर्धारित नहीं है। निजी बैंकों में जमा कराई गई राशि काे तत्काल वापस निकालकर ब्याज समेत निर्धारित संस्था में जमा कराया जाए।

    सभापति कुंवर मानवेन्द्र सिंह ने कार्यस्थगन की मांग को अस्वीकार कर नेता सदन से कहा कि मामले की जांच के लिए गठित एसआइटी को समयबद्ध करना अच्छा होगा। इसके अलावा सपा सदस्यों ने 2090 तदर्थ शिक्षकों की समाप्त की गई सेवाओं को बहाए किए जाने की मांग उठाई।

    निर्दलीय समूह के राजबहादुर सिंह चंदेल व डा.आकाश अग्रवाल ने भी इसे लेकर कार्यस्थगन कर चर्चा कराए जाने की मांग की। सदस्यों ने कहा कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में की गई सिविल अपील की गलत व्याख्या करते हुए निर्णय किया गया।

    ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि तदर्थवाद ठीक नहीं है। चयन की प्रक्रिया अपनाई जाए। इस पर वर्ष 2021 में नियमित भर्ती/चयन के लिए विज्ञापन निकाला गया था। तदर्थ शिक्षकों को भी उसमें चयन का अवसर प्रदान किया गया था। सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश से बंधी है। सभापति ने कार्यस्थगन अस्वीकार कर दिया।