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    वर्ष 2002-2004 के बीच यूपी से बाहर रहे मतदाताओं को देना होगा वहां का विवरण, ऐसे चेक करें लिस्ट में नाम

    Updated: Sun, 23 Nov 2025 09:52 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश में एसआईआर के तहत 2002-2004 के बीच राज्य से बाहर रहे मतदाताओं को अपने निवास का विवरण देना होगा। मतदाता सूची में नाम जांचने के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन विकल्प उपलब्ध हैं। प्रभावित मतदाताओं को सुनिश्चित करना होगा कि उनका नाम सही ढंग से दर्ज है। आधिकारिक वेबसाइट या स्थानीय निर्वाचन कार्यालय से संपर्क करके सूची में नाम चेक किया जा सकता है।

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    वर्ष 2002-2004 के बीच राज्य से बाहर रहे मतदाताओं को देना होगा विवरण।

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। यदि कोई मतदाता वर्ष 2002-2004 की अवधि में किसी भी अन्य राज्य में रहे हों तो उन्हें उस अवधि के दौरान हुए विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के बाद की मतदाता सूची का विवरण गणना प्रपत्र में भरना होगा।

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    चुनाव आयोग के पोर्टल पर सभी राज्यों में उस अवधि के दौरान हुए एसआईआर के बाद तैयार मतदाता सूची उपलब्ध है, जिसे ऑनलाइन देखा जा सकता है। एसआइआर का फार्म भी ऑनलाइन भरा जा सकता है।

    मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि सभी मतदाताओं को अपना गणना प्रपत्र सही ढंग से भरकर चार दिसंबर तक संबंधित बीएलओ को उपलब्ध कराना अनिवार्य है।

    मतदाता वर्ष 2003 में तैयार मतदाता सूची में अपना या अपने माता-पिता का विवरण वेब पोर्टल (https://voters.eci.gov.in) पर जाकर सर्च योर नेम इन लास्ट एसआइआर विकल्प के जरिए खोज सकते हैं। पोर्टल पर मतदाता पहचान पत्र संख्या दर्ज कर अपने बीएलओ का नाम व फोन नंबर प्राप्त कर सकते हैं।

    उन्होंने बताया कि मतदाताओं के लिए 1950 हेल्पलाइन भी संचालित है, जिसमें जिले का एसटीडी कोड लगाने पर काल जिला संपर्क केंद्र पर पहुंचती है और प्रशिक्षित कर्मचारी जानकारी व शिकायतों का समाधान करते हैं।

    क्षेत्रों में अधिक हेल्प डेस्क स्थापित करने और प्रशिक्षित कर्मियों की तैनाती के निर्देश सभी जिलाधिकारी और नगर आयुक्तों को दिए गए हैं। प्रदेश में अब तक तीन करोड़ से अधिक गणना प्रपत्रों का संग्रह एवं डिजिटाइजेशन किया जा चुका है।

    प्रत्येक जिला निर्वाचन अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि उनके जिले के किसी गांव, मजरे, मोहल्ले, कॉलोनी या बस्ती का कोई भी मतदाता गणना पत्र से वंचित न रहे।

    बीएलओ का किसी भी क्षेत्र में भ्रमण छूट न जाए, इसके लिए सभी स्तरों से फीडबैक लिया जाए और एसआइआर को समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाए।