एसआईआर को लेकर सरकार व संगठन ने झोंकी ताकत, अभियान के लिए मैदान में उतरे मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री व मंत्री
उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण अभियान को लेकर सरकार और संगठन पूरी तरह से सक्रिय हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री और मं ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। मतदाता सूची के चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान को लेकर सरकार व संगठन ने पूरी ताकत झोंक दी है। खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी पूरी तरह एक्शन मोड में हैं। दोनों उप मुख्यमंत्री व मंत्रियों को भी इस अभियान के लिए मैदान में उतार दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट संदेश दिया है कि “पात्र का नाम किसी भी कीमत पर छूटना नहीं चाहिए और अपात्र का नाम सूची में बचना नहीं चाहिए।” मजबूत लोकतंत्र के लिए एसआईआर सबसे बुनियादी और अहम कार्य है, इसलिए संगठन से लेकर सरकार तक हर स्तर पर पूरी ताकत लगानी होगी।
एसआईआर के तहत गणना प्रपत्र जमा करने की अंतिम तिथि 11 दिसंबर है। ऐसे में अब तीन दिन शेष बचे हैं। मुख्यमंत्री भी लगातार विभिन्न जिलों में पहुंचकर संगठन और जनप्रतिनिधियों से इस अभियान को लेकर सीधे फीडबैक ले रहे हैं। रविवार को अलीगढ़ व सहारनपुर में बैठक करने के बाद सोमवार को भी मुख्यमंत्री ने मुरादाबाद, गाजियाबाद व आगरा में समीक्षा की।
उन्होंने जिला इकाइयों से यह भी पूछा कि कहां छूटे हुए पात्र मतदाताओं की ज्यादा संख्या है, कौन से बूथ संवेदनशील हैं और सत्यापन कहां धीमा है। मुख्यमंत्री ने पार्टी पदाधिकारियों, विधायकों और कार्यकर्ताओं से कहा कि वे खुद बूथों पर जाएं, मतदाताओं से सीधा संवाद करें और एसआईआर को प्राथमिकता के साथ पूरा कराएं।
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए हैं कि अपात्र नामों को लेकर किसी भी तरह की शिथिलता स्वीकार नहीं होगी। जिन नामों पर संदेह है, उनकी जांच कराई जाए। बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) की भूमिका को उन्होंने सबसे निर्णायक बताया। बीएलए और बूथ टीम टोली बनाकर घर-घर जाकर गहन सत्यापन करें।
यह सिर्फ प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि सांगठनिक जिम्मेदारी भी है। एसआईआर की गंभीरता को देखते हुए सरकार के मंत्रियों के साथ ही विधायकों, विधान परिषद सदस्यों, महापौरों और सभी जनप्रतिनिधियों को इस अभियान में शीर्ष प्राथमिकता देने के लिए कहा गया है।
आज नहीं होगी कैबिनेट की बैठक
एसआईआर में गणना प्रपत्र भरने की अंतिम तिथि 11 दिसंबर है। अब केवल तीन दिन बचे हैं ऐसे में सरकार व संगठन सभी को अपने-अपने क्षेत्रों में सक्रिय रहने के लिए कहा गया है। यही कारण है कि अमूमन मंगलवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक इस बार नहीं हो रही है। ऐसा इसलिए किया गया है, ताकि वरिष्ठ मंत्री मैदान में रहकर अभियान की निगरानी कर सकें।
मुख्यमंत्री गोरखपुर में रहेंगे जबकि उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य उन्नाव में रहेंगे। वहीं, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव भी अब 11 दिसंबर के बाद होगा। इस चुनाव के लिए सभी जिलाध्यक्षों को लखनऊ बुलाया जाना है। सभी के एसआईआर में व्यस्त होने के कारण माना जा रहा है कि 12 से 14 के बीच में अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया पूरी की जा सकती है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।