यूपी में किसानों की आय बढ़ाने में रेशम व्यवसाय सबसे अच्छा माध्यम, अनुकूल वातावरण वाले जिलों में बढ़ेगा रेशम उत्पादन का लक्ष्य
उत्तर प्रदेश में किसानों की आय बढ़ाने के लिए रेशम व्यवसाय सबसे अच्छा माध्यम है। वस्त्रोद्योग एवं रेशम उद्योग मंत्री राकेश सचान ने कहा अनुकूल वातावरण वाले जिलों में रेशम उत्पादन को बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है।

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। योगी आदित्यनाथ सरकार अपने दूसरे कार्यकाल में प्रदेश में रेशम का उत्पादन बढ़ाने के साथ किसानों की आय बढ़ाने के लिए भी प्रयासरत है। वस्त्रोद्योग एवं रेशम उद्योग मंत्री राकेश सचान ने कहा है कि रेशम व्यवसाय से अधिक से अधिक किसानों को जोड़ा जाना चाहिए। रेशम उत्पादन के लिए जिन भी जिलों का वातावरण अनुकूल है, उनका लक्ष्य बढ़ाया जाएगा।
खादी बोर्ड सभागार में रेशम निदेशालय और केंद्रीय रेशम बोर्ड द्वारा केंद्र पोषित सिल्क समग्र-2 कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें राकेश सचान ने कहा कि राज्य में रेशम का उत्पादन बढ़ाना मुख्य लक्ष्य है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पांच वर्षों में रेशम का उत्पादन दोगुणा करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि देश में रेशम का उत्पादन आठ हजार मीट्रिक टन है, जबकि खपत 10 हजार मीट्रिक टन है।
इस अंतर को पूरा करने में अन्य राज्यों की अपेक्षा उत्तर प्रदेश की बड़ी हिस्सेदारी होगी। इसे देखते हुए भारत सरकार द्वारा पोषित इस योजना के तहत अधिक से अधिक किसानों को रेशम व्यवसाय से जोड़ा जाए। विभाग के अपर मुख्य सचिव डा. नवनीत सहगल ने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने में रेशम व्यवसाय सबसे अच्छा माध्यम है। प्रदेश में रेशम की खपत तीन हजार मीट्रिक टन है, जबकि उत्पादन केवल 350 मीट्रिक टन है।
उत्पादन दोगुणा करने का लक्ष्य तभी पूरा होगा, जब विभागीय नीतियां धरातल पर पहुंचेंगी। केंद्रीय रेशम बोर्ड के डा. सरदार सिंंह ने बताया कि वर्ष 2026 तक देश को रेशम उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के लिए यह योजना शुरू की गई है। कार्यक्रम में प्रमुख सचिव आर. रमेश कुमार सहित सभी विभिन्न अधिकारी और किसान उपस्थित थे।
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