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    शिवपाल ने कहा, सरकार बनाने को साम, दाम, दंड और भेद सबका इस्तेमाल करो

    By Ashish MishraEdited By:
    Updated: Thu, 03 Nov 2016 09:12 AM (IST)

    पांच नवंबर को सब कार्यकर्ता तैयार रहें। 5 नवंबर के बाद फील्ड में निकलेंगे। साम, दाम, दंड और भेद सबका इस्तेमाल करो।”

    लखनऊ ( जेएनएन)। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और चाचा शिवपाल यादव के बीच चली आ रही मनमुटाव आज एक बार फिर सामने आ गया। जब लखनऊ पार्टी कार्यालय पर लोहिया वाहिनी की बैठक के बाद शिवपाल ने कहा कि 5 नवम्बर को होने वाली रजत जयंती समारोह में जुटा हूं। जब उनसे अखिलेश की रथ यात्रा के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “ 3 को रथ यात्रा है तो 5 नवम्बर को रजत जयंती. रजत जयंती की तैयारियों में जुटा हूं।”

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    उन्होंने कहा, “बिहार के बाद उड़ीसा में भी गठबंधंन का प्लान था, लेकिन हमारी पार्टी में ही लोगों ने साजिश कर दी। नेता जी का अपमान नहीं सहेंगे। मैं अपना अपमान बर्दाश्त कर सकता हूं, लेकिन नेता जी का नहीं। समाजवादी इतिहास को पढ़ना होगा। समाजवादी पार्टी में अनुसाशन भी ज़रूरी है। 24 अक्टूबर को आपने देखा ही क्या हुआ। जिनको नहीं आना था वो भी आ गए। 5 नवंबर को सब कार्यकर्ता तैयार रहें। 5 नवंबर के बाद फील्ड में निकलेंगे। साम, दाम, दंड और भेद सबका इस्तेमाल करो।”

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    इस बात से एक बात साफ़ दिख रही है कि गुरुवार को अखिलेश यादव की विकास रथ यात्रा के मौके पर अगर सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव नजर नहीं आए तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए।हालांकि आज मुलायम सिंह यादव दिल्ली से लखनऊ पहुंच चुके हैं लेकिन देखना दिलचस्प होगा कि वे मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में शिरकत करते हैं कि नहीं।

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    इससे पहले समाजवादी लोहिया वाहिनी को संबोधित करते हुए भी शिवपाल ने एक बात स्पष्ट कर दी कि पार्टी का संगठन सरकार से बड़ा है। उन्होंने कहा, “संगठन में मैंने न पूछे जाने वाले लोगों को तरजीह दी। ऐसे लोगों ने सरकार का भी मज़ा नहीं लिया। पार्टी के लिए लोगों ने बहुत संघर्ष किया है। मैं भी कई बार जेल गया। भीड़ देख कर मैं उत्साहित हूं। पार्टी को खड़ा करने में नेता जी का बहुत बड़ा संघर्ष रहा है। गलत काम का मैंने सरकार में रहते हुए भी विरोध किया।”

    शिवपाल ने कहा, “ गुटबंदी में सपा के ही लोगों को जेल भेजा गया। 2003 में सरकार कैसे बनी और किसकी वजह से बनी सब जानते हैं। हमने इंस्पेक्टर राज ख़त्म किया। 10 हज़ार किसानों का कर्जा माफ़ किया।किसान बीमा की शुरुआत नेता जी ने की। रजत जयंती पर लालू यादव,अजित सिंह और देवगौड़ा आ रहे हैं।पार्टी को जो तोड़ना चाहते हैं उनसे सचेत रहें।” इशारों ही इशारों में बिना नाम लिए उन्होंने रामगोपाल यादव पर भी निशाना साधा।