विधानसभा चुनाव 2017: सपा-कांग्रेस के खिलाफ शिया-सुन्नी एकता फ्रंट ने खोला मोर्चा
शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद ने कहा कि सपा-कांग्रेस का गठबंधन मुसलमानों के वोट हासिल करने की चाल है। फिर धोखा देने की तैयारी है।
लखनऊ (जेएनएन)। शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जवाद ने कहा कि सपा व कांग्रेस का गठबंधन मुसलमानों के वोट हासिल करने की एक चाल है। इस गठबंधन का मकसद अपनी जीत के लिए मुस्लिम वोट को हासिल करना है। दोनों पार्टियां मुसलमानों के हक की बातें तो करती हैं, लेकिन सपा ने पांच सालों में और कांग्रेस ने 50 सालों में मुसलमानों को सिर्फ धोखा दिया है। सपा व कांग्रेस का गठबंधन फिर मुसलमानों को धोखा देने की तैयारी है।
हजरतगंज स्थित इमामबाड़ा सिब्तैनाबाद में शिया-सुन्नी एकता फ्रंट की ओर से आयोजित पत्रकारवार्ता में मौलाना ने कहा कि प्रदेशभर के शिया-सुन्नी उलमा से बातचीत करने के बाद सपा व कांग्रेस को वोट न देने का फैसला किया गया है। सभी उलमा मिलकर दो दिन में किस पार्टी को समर्थन दें इसका एलान करेंगे। मौलाना ने मुजफ्फरनगर व दादरी सहित अन्य दंगों का जिम्मेदार ठहराते हुए सपा को जमकर कोसा। मौलाना ने कहा कि सपा और कांग्रेस दोनों ही मुसलमानों को वोट बैंक के लिए इस्तेमाल कर रहीं हैं। यहां तक कि पुलिस भर्ती में 95 प्रतिशत मैनपुरी, इटावा व सैफई के यादवों को लिया गया न कि अन्य जिलों के यादवों को। इसलिए केवल मुसलमान ही नहीं मेरी अपील सभी प्रदेशवासियों से है कि विधानसभा चुनाव में सपा व कांग्रेस का बहिष्कार करें। इस मौके पर सुन्नी उलमा मौलाना हसनैन बकाई, मौलाना हबीब हैदर व मौलाना अमीर हैदर सहित अन्य उलमा शामिल रहे। ट्रेन लेट होने की वजह से मुजफ्फरनगर व शाहजहांपुर से आने वाले सुन्नी उलमा शामिल नहीं हो सके।
प्रदेश के विकास की अखिलेश ने पेश की झूठी तस्वीर
मौलाना कल्बे जवाद ने कहा कि मुलायम सिंह और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रदेश के विकास की झूठी तस्वीर पेश की है। जिन प्रोजेक्ट के बल पर सपा प्रदेश की जनता को अपने विकास का मॉडल बता रही है, उसमें अधिकांश पूरे ही नहीं हुए। मुख्यमंत्री ने क्रेडिट लेने के लिए अधूरी योजनाओं का उद्घाटन कर प्रदेश की जनता को धोखा दिया है।
बसपा को दे सकते हैं समर्थन
सपा व कांग्रेस को मुस्लिम विरोधी करार देकर मौलाना कल्बे जवाद दो दिन में भाजपा व बसपा में किसी एक पार्टी को समर्थन देने का एलान करेंगे, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि मौलाना बसपा को समर्थन दे सकते हैं। पिछले दिनों बसपा के महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी व इंतेजार आब्दी बॉबी के साथ मौलाना की हुई कई मुलाकातें इसका प्रमाण हैं। इन मुलाकातों में मौलाना ने अपनी कई मांगें रखी थीं। सपा से नाराज मौलाना की मांगों को पूरा करने का नसीमुद्दीन पहले ही भरोसा जता चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक नसीमुद्दीन सिद्दीकी के साथ हुई इस बैठक में मौलाना कल्बे जवाद ने बसपा प्रमुख मायावती से मिलने की इच्छा जताई थी। इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि जल्द ही मायावती से मुलाकात कर मौलाना कल्बे जवाद बसपा के समर्थन में वोट देने का एलान कर सकते हैं।
इज्जत नहीं, तोहफे में सपा ने मुसलमानों को जिल्लत दी
मौलाना ने कहा कि सपा सरकार ने मुसलमानों को इज्जत नहीं जिल्लत का तोहफा दिया है। पार्टी ने मुसलमानों को 18 प्रतिशत आरक्षण का वादा किया था, लेकिन पांच साल बाद भी मुसलमानों को एक प्रतिशत आरक्षण नहीं मिला। सपा ने जेलों में बंद निर्दोष मुस्लिम युवाओं को रिहा कराने का भरोसा जताया था, लेकिन सपा सरकार ने जिस बेगुनाह को कोर्ट ने आजाद कर दिया, उसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चली गई।
बाप से ज्यादा बेटे को कौन पहचानेगा
अखिलेश यादव मुस्लिम विरोधी हैं, मुलायम सिंह के इस बयान पर मौलाना ने कहा कि बाप से ज्यादा बेटे को कौन पहचानेगा। मौलाना ने कहा कि मुलायम और अखिलेश दोनों मुस्लिम विरोधी हैं।
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