यूपी के 11 जिलों में संकटग्रस्त महिलाओं को मिलेगा 'शक्ति सदन' का सहारा, घरेलू हिंसा पीड़ित महिलाओं के लिए बड़ी पहल
उत्तर प्रदेश के 11 जिलों में संकटग्रस्त महिलाओं के लिए 'शक्ति सदन' की स्थापना की जाएगी। यह पहल घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं को सहारा देगी और उन्हें स ...और पढ़ें

घरेलू हिंसा पीड़ित और संकटग्रस्त महिलाओं को मिल रहा है संरक्षित आश्रय
डिजिटल डेस्क, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार ने 'मिशन शक्ति' के जरिए नारी सुरक्षा और सम्मान की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया है। संकटग्रस्त, घरेलू हिंसा से पीड़ित और बेसहारा महिलाओं को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए 'शक्ति सदन' योजना के विस्तार को नई गति दी गई है। मिशन शक्ति की उप-योजना 'सामर्थ्य' के तहत प्रदेश के 11 महत्वपूर्ण जिलों में इन आश्रय केंद्रों की व्यवस्था को सक्रिय कर दिया गया है, जहाँ महिलाओं को केवल छत ही नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर बनने का मार्ग भी दिखाया जा रहा है।
मथुरा में सबसे अधिक 4 सदन, कुल 14 केंद्रों की सौगात
सरकार ने प्रदेश में कुल 14 शक्ति सदनों की रूपरेखा तैयार की है। इसमें विशेष रूप से मथुरा जनपद में 4 शक्ति सदन स्थापित किए गए हैं, जबकि अलीगढ़, आजमगढ़, कानपुर नगर, चित्रकूट, झांसी, गोंडा, बस्ती, मिर्जापुर, वाराणसी और सहारनपुर में एक-एक केंद्र संचालित हो रहा है। प्रत्येक सदन की क्षमता 50 महिलाओं की है। इस महत्वाकांक्षी योजना के भवन संचालन और संसाधनों के लिए प्रशासनिक स्तर पर 1 करोड़ 75 लाख रुपये की पहली किस्त भी जारी कर दी गई है।
अस्थायी आश्रय से स्थायी पुनर्वास तक का सफर
शक्ति सदन केवल एक रैन बसेरा नहीं, बल्कि पुनर्वास केंद्र के रूप में कार्य कर रहे हैं। यहाँ घरेलू हिंसा, पारिवारिक संकट या जेल से मुक्त हुई ऐसी महिलाओं को रखा जा रहा है जिनके पास रहने का कोई ठिकाना नहीं है।
काउंसिलिंग: मनोवैज्ञानिक और सामाजिक संबल प्रदान करने के लिए विशेषज्ञों द्वारा काउंसलिंग की जाती है।
कौशल विकास: महिलाओं को सिलाई, कढ़ाई और अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण देकर स्वावलंबी बनाया जाता है।
पारिवारिक मिलन: प्राथमिकता इस बात पर रहती है कि उचित मध्यस्थता के जरिए महिलाओं का उनके परिवारों में सम्मानजनक पुनर्वास कराया जा सके।
महिला कल्याण: फाइलों से निकलकर धरातल पर
योगी सरकार की यह पहल दर्शाती है कि महिला सुरक्षा अब केवल फाइलों तक सीमित नहीं है। राज्य स्वच्छ गंगा मिशन की तरह ही, महिला कल्याण की योजनाओं को भी 'नेशनल बेंचमार्क' बनाने की तैयारी है। प्रदेश के दूर-दराज के क्षेत्रों से आने वाली महिलाओं को इन केंद्रों के माध्यम से एक सुरक्षित वातावरण, गुणवत्तापूर्ण भोजन और कानूनी सहायता उपलब्ध कराई जा रही है, जिससे उनके जीवन में एक नई सुबह की शुरुआत हो सके।

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