NIRF Ranking 2025: SGPGI ने गुणवत्तापूर्ण इलाज के मामले में लगाई छलांग, आठवें स्थान पर पहुंचा KGMU
लखनऊ के एसजीपीजीआई ने लगातार पांचवें साल शीर्ष-10 चिकित्सा संस्थानों में जगह बनाई है इस बार पांचवां स्थान प्राप्त किया। केजीएमयू ने भी पहली बार टाप-10 में जगह बनाई आठवें स्थान पर पहुंचा। एसजीपीजीआई के निदेशक प्रो. आरके धीमान का लक्ष्य है कि मरीजों को इलाज के लिए बाहर न जाना पड़े। केजीएमयू की कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने नैक ए प्लस प्लस ग्रेड प्राप्त करने पर खुशी जताई।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। शैक्षणिक गुणवत्ता, शोध कार्य और उत्कृष्ट इलाज के मामले में एसजीपीजीआई लगातार पांचवें साल भी शीर्ष-10 चिकित्सा संस्थानों में जगह बनाने में सफल रहा। पिछले साल संस्थान छठे नंबर पर था, लेकिन इस बार एक पायदान चढ़कर पांचवें नंबर पर पहुंच गया है। एनआइआरएफ रैंकिंग में किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) पहली बार टाप-10 में जगह बनाने में सफल रहा।
विश्वविद्यालय लंबी छलांग के साथ 19वें से आठवें स्थान पर पहुंचा है। एसजीपीजीआई के निदेशक प्रो. आरके धीमान और केजीएमयू की कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने इस उपलब्धि पर अपने चिकित्सकों, नर्सिंग व पैरामेडिकल स्टाफ और कर्मचारियों को बधाई दी है।
इलाज-जांच के लिए न जाना पड़े बाहर
एसजीपीजीआई यानी चिकित्सा का ऐसा संस्थान जहां गंभीर से गंभीर रोगी का इलाज संभव है, लेकिन यहां की इमरजेंसी में भर्ती होना, बेड मिलना भी चमत्कार जैसा है। हालांकि, इस पर संस्थान प्रशासन का कहना है कि हमारे पास कई बार सामान्य मरीज भी आते हैं, जबकि हमारा ध्यान गैस्ट्रो, हृदय, गुर्दा, लिवर, कैंसर और जेनेटिक बीमारियों पर होता है।
संस्थान ने वर्ष 2023 में 100 से अधिक चिकित्सा संस्थानों में से देश में 7वीं रैंक हासिल की थी और कुछ अन्य सर्वेक्षणों में इसे भारतीय अस्पतालों में पांचवां स्थान मिला था। वर्ष 2024 में छठा स्थान मिला। एनआइआरएफ-2025 रैंकिंग के तहत संस्थान को 'मेडिकल' श्रेणी में 5वां स्थान मिला है, जो उसकी प्रगति को प्रमाणित करता है।
निदेशक प्रो. आरके धीमान कहते हैं, इलाज के मामले में हमारे संस्थान की साख वैसी ही है, जैसी अपराधों की गुत्थी सुलझाने को लेकर सीबीआइ की है। पीजीआइ में लखनऊ व प्रदेशभर ही नहीं, दूसरे राज्यों और बांग्लादेश, नेपाल के भी मरीज आते हैं। संस्थान में विश्वस्तरीय एडवांस पीडियाट्रिक सेंटर का निर्माण हो रहा है।
सलोनी हार्ट में बच्चों से जुड़ी दिल की बीमारी का उच्चस्तरीय उपचार मुहैया कराया जा रहा है और इसके अगले चरण का निर्माण भी तेजी से चल रहा है। हमने उत्तर भारत का पहला एडवांस डायबिटिक सेंटर में उपचार शुरू कर दिया है।
मेरा लक्ष्य है कि सूबे के मरीजों को किसी भी बीमारी से जुड़े इलाज और जांच के लिए दिल्ली-मुंबई या अन्य शहर न भटकना पड़े। इसका रोडमैप तैयार है। एक साल में परिणाम भी दिखेगा। हालांकि, संस्थान प्रशासन के लिए अभी भी गंभीर रोगियों को सुलभ इलाज मुहैया कराना चुनौती है।
दो साल में बदली केजीएमयू की तस्वीर
केजीएमयू को वर्ष 2023 में नैक ए प्लस ग्रेड मिला, जिसके बाद कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने ग्रेड में सुधार के लिए दोबारा आवेदन किया। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस साल नैक मूल्यांकन की ग्रेडिंग बढ़ाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी। कुलपति के नेतृत्व में 176 डाक्टरों और 1000 कर्मचारियों की लंबी-चौड़ी टीम की मेहनत रंग लाई। नैक टीम के मानकों पर संस्थान खरा उतरा और केजीएमयू ने इतिहास रचते हुए नैक ए प्लस प्लस ग्रेड प्राप्त किया।
अब विश्वविद्यालय ने एनआइआरएफ रैंकिंग में बड़ी सफलता हासिल कर 11 स्थान की छलांग लगा सीधे शीर्ष-10 में प्रवेश किया। पिछले साल केजीएमयू 19वें नंबर पर था। कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने इसका श्रेय सभी चिकित्सकों और कर्मचारियों को दिया है। इसी साल संस्थान में राज्य का पहला एडवांस आर्थोपेडिक्स सेंटर और लारी-दो की शुरुआत हुई, जहां मरीजों को उच्चस्तरीय इलाज मिल रहा है।
केजीएमयू शोध में भी लगातार सफलता हासिल कर रहा है। जनरल सर्जरी और ट्रामा-दो की भी नींव पड़ चुकी है, जो आने वाले समय में गंभीर रोगियों के इलाज में मील का पत्थर साबित होगा। प्रो. नित्यानंद ने कहा, हमारा लक्ष्य ट्रामा सेंटर में गंभीर मरीजों को आसानी से उपचार मुहैया कराना है। इसके लिए प्रयास जारी है।
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