Lucknow News: तिहाड़ जेल से सीरियल किलर सोहराब पैरोल पर फरार, तलाश में जुटी टीमें; STF से किया गया संपर्क
लखनऊ में 2005 में तीन हत्याओं के मामले में जेल में बंद सोहराब पैरोल से फरार हो गया है। सीरियल किलर सोहराब को कोर्ट ने कुछ दिन पहले पैरोल दी थी लेकिन पैरोल अवधि खत्म होने के बाद वह वापस जेल नहीं लौटा। सोहराब और उसके भाइयों ने 2004 में अपने भाई की हत्या का बदला लेने के लिए तीन लोगों को मारा था।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। वर्ष 2005 में लखनऊ में एक ही दिन में तीन हत्याएं करने के मामले में जेल में बंद सोहराब पैरोल से फरार हो गया। ताबड़तोड़ तीन हत्याओं से कानून-व्यवस्था को चुनौती देने वाले सोहराब और उसके दोनों भाई सलीम और रुस्तम भी तिहाड़ जेल में बंद थे।
कुछ दिन पहले कोर्ट ने सीरियल किलर भाइयों में सबसे छोटे सोहराब को पैरोल दिया था। जेल से रिहा होने के बाद वह पत्नी से मिला। पैरोल अवधि तीन दिन पहले खत्म हुई, लेकिन वह वापस जेल नहीं लौटा। इस पर तिहाड़ जेल से दिल्ली पुलिस को सूचना दी गई।
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने यूपी एसटीएफ से संपर्क किया। दोनों टीमें उसकी तलाश में जुटी हैं।लखनऊ के सदर बाजार निवासी सीरियल किलर भाइयों सलीम, रुस्तम और सोहराब ने कई दुस्साहसिक वारदात को अंजाम दिया था। वर्ष 2004 में रमजान के महीने में इनके सबसे छोटे भाई शहजादे की हत्या कर दी गई थी।
भाई की हत्या का बदला तीनों ने ठीक एक वर्ष बाद उसी दिन लिया, जिस दिन शहजादे की हत्या हुई थी। भाई के हत्यारों को एक घंटे के अंदर हुसैनगंज, खदरा और मड़ियांव इलाके में जाकर मौत के घाट उतार दिया था।
इतना ही नहीं घटना को अंजाम देने से पहले तत्कालीन एसएसपी लखनऊ आशुतोष पांडेय के कार्यालय फोन कर धमकी दी थी। एक साथ तीन हत्या करने के बाद तीनों ने अपराध की दुनिया में वसूली, हत्या, सुपारी किलिंग को अंजाम देना शुरू किया। दिल्ली में दिनदहाड़े ज्वेलरी शोरूम में डाका डाल दिया।
लखनऊ में बसपा सरकार के दौरान स्वास्थ्य कर्मचारी और समाजसेवी सैफी की दिनदहाड़े हत्या कर दी थी। सपा की सरकार आई तो अमीनाबाद में भाजपा पार्षद पप्पू पांडेय की अपने खास गुर्गे सुनील शर्मा से हत्या करवा दी थी। पप्पू पांडेय की हत्या के पीछे सिर्फ लखनऊ में कम होते खौफ को कायम करने और रंगदारी बढ़ाने की मंशा थी।
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