Search of ISI Network in UP : वाट्सएप ग्रुपों से जुड़े कई संदिग्धों की हो रही पड़ताल
Search of ISI Network in UP By ATS प्रदेश में आइएसआइ का नेटवर्क गहरा रहा है। नेपाल सीमा से सटे जिलों में भी आइएसआइ ने अपनी गतिविधियां तेजी से बढ़ाई हैं। खासकर इंटरनेट मीडिया के माध्यम से नए युवकों को जोड़ने के लिए अलग सिंडीकेट काम कर रहा है।

राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाले गिरोह के सदस्यों ने कई वाट्सएप ग्रुप के माध्यम से नए युवकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा था। जिन्हें देश विरोधी गतिविधियों के लिए उकसाया जा रहा था। आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ऐसे कई संदिग्ध युवकों को लेकर छानबीन कर रहा है।
एटीएस ने मामले में बीते दिनों वाराणसी निवासी तुफैल को पकड़ा था। सूत्रों का कहना है कि उसके मोबाइल फोन की छानबीन में वाट्सएप ग्रुप उम्मीद-ए-शहर के अलावा कुछ अन्य ऐसे ही ग्रुप के जरिए युवकों को जोड़ने की बात सामने आई थी। जिसके आधार पर आगे की छानबीन की जा रही है। एटीएस तुफैल व दिल्ली निवासी मु.हारुन से कई बिंदुओं पर फिर से पूछताछ किए जाने की तैयारी भी कर रहा है।
प्रदेश में आइएसआइ का नेटवर्क गहरा रहा है। नेपाल सीमा से सटे जिलों में भी आइएसआइ ने अपनी गतिविधियां तेजी से बढ़ाई हैं। खासकर इंटरनेट मीडिया के माध्यम से नए युवकों को जोड़ने के लिए अलग सिंडीकेट काम कर रहा है। इसे तोड़ने के लिए जांच एजेंसियां भी लगातार सक्रिय रही हैं। बीते दिनों एटीएस ने पाकिस्तान के लिए जासूसी के मामले में तुफैल व हारुन को अलग-अलग स्थानों से पकड़ा था।
दोनों का ही नेटवर्क पाकिस्तान उच्च आयोग के कर्मचारियों से भी जुड़ा पाया गया था। एटीएस ने दोनों को पुलिस रिमांड पर लेकर लंबी पूछताछ भी की थी। इनके माध्यम से आइएसआइ से जुड़े अन्य एजेंटों तक भी पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है। तुफैल ने राजघाट, नमोघाट, ज्ञानवापी मस्जिद, रेलवे स्टेशन, जामा मस्जिद, लाल किला व अन्य स्थानों की तस्वीरें पाकिस्तान के नंबरों पर साझा की थीं। वह लगभग 600 पाकिस्तानी नंबरों से जुड़ा था। दिल्ली में कबाड़ का काम करने वाला हारुन भी आइएसआइ के लिए काम कर रहा था।

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