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    पान मसाला फैक्ट्रियों की निगरानी का दायरा बढ़ेगा, बिना ई- वे बिल के चार ट्रकों के पकड़े जाने पर लिया फैसला

    Updated: Wed, 01 Jan 2025 07:39 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश में पान मसाला फैक्ट्रियों से कर चोरी रोकने के लिए राज्य कर विभाग निगरानी बढ़ा रहा है। प्रत्येक जोन में 10-12 अधिकारियों की नई टीम बनाई जाएगी। बिना ई-वे बिल के चार ट्रकों की बरामदगी के बाद सख्ती तेज कर दी गई है। पान मसाला कंपनियों को मशीन पंजीकरण अनिवार्य है उल्लंघन पर ₹1 लाख जुर्माना लगेगा। सीसीटीवी और बाडी वार्मअप कैमरे से निगरानी जारी है।

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    बिना ई- वे बिल के चार ट्रक पकड़े गए - प्रतीकात्मक तस्वीर।

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। पान मसाला फैक्ट्रियों में होने वाले उत्पादन और बिक्री की कर चोरी को रोकने के लिए अब और अधिक सख्ती करने की तैयारी है। राज्य कर विभाग अब संबंधित जोन में फैक्ट्रियों के हाइवे से मिलने वाले रास्तों पर निगरानी बढ़ाएगा। इसके लिए हर जोन में 10 से 12 अधिकारियों की एक और टीम बनायी जाएगी। यह कदम पिछले दिनों बिना ई-वे बिल के पान मसाला लदे कानपुर के पंजीकृत चार ट्रकों को पकड़ने के बाद उठाया जा रहा है।

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    पान मसाला, गुटखा और तंबाकू सहित संवेदनशील उत्पादों में एक ई-वे बिल पर बार-बार बिक्री कर लंबे समय से जीएसटी की चोरी की जा रही थी। इसी साल अगस्त में योगी सरकार की कैबिनेट में उत्तर प्रदेश माल और सेवा कर (संशोधन) 2024 को स्वीकृत कर नई धारा 122 क को जोड़ा था। इसके तहत संवेदनशील उत्पाद बनाने वाली कंपनियों को अपनी मशीनों का पंजीकरण राज्य जीएसटी में कराना अनिवार्य कर दिया गया है।

    लाख रुपये का जुर्माना

    हर मशीन के उत्पादन का विवरण भी रिटर्न में दाखिल करना होगा। पंजीकरण न कराने पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाने का अधिकार राज्य कर विभाग को मिल गया है। इस अध्यादेश के बाद नवंबर माह से राज्य कर विभाग ने पान मसाला और गुटखा फैक्ट्रियों पर सख्ती बढ़ा दी। बाडी वार्मअप कैमरे के साथ अधिकारियों की टीमें वहां तैनात कर दी गईं।

    इतना ही नहीं सीसी कैमरे लगाकर उसका नियंत्रण जोन और मुख्यालय स्तर के जिम्मेदार अधिकारियों को दे दिया गया। इन सबके बीच पिछले दिनों पान मसाला के चार ट्रक बिना ई-वे बिल के ही बाहर आ गए थे। इनको लखनऊ की सीआइबी टीम ने पकड़ा था। मामले में शासन ने तुरंत ही चार राज्य कर अधिकारियों को निलंबित कर दिया था।

    वहीं, चार सहायक आयुक्तों के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुमोदन मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजा गया है। निलंबित अधिकारियों ने कहा है कि उनकी ड्यूटी गेट पर थी, ट्रक बाहर निकलने के दूसरे रास्ते भी हैँ। ऐसे में राज्य कर मुख्यालय ने फैक्ट्रियों के मुख्य गेट के अलावा अन्य सभी रास्तों पर भी सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।

    टीम हो रही तैयार

    हर जोन में 10 से 12 अधिकारियों की टीम बनाकर एक रिजर्व सर्किल तैयार करने को कहा गया है। यह अधिकारी दो से तीन की टुकड़ी में फैक्ट्रियों से हाइवे की ओर जाने वाले रास्तों पर तैनात होंगे। यदि कोई ट्रक किसी भी कारणवश बिना ई-वे बिल के निकलेगा तो उसे पकड़ने की जिम्मेदारी इस टीम की होगी। राज्य कर आयुक्त डा. नितिन बंसल का कहना है कि बिना ई-वे बिल के चार ट्रकों वाला मामला पकड़ में आने के बाद सभी जोन सतर्क हो गए हैँ। अपने स्तर से वह टीमें बना रहे हैं।