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    उत्तर प्रदेश में पान मसाला फैक्ट्रियों की निगरानी का दायरा और बढ़ेगा, हर जोन में बनेगी 10 से 12 अधिकारियों की टीम

    Updated: Thu, 02 Jan 2025 01:09 AM (IST)

    उत्तर प्रदेश में पान मसाला फैक्ट्रियों में कर चोरी को रोकने के लिए राज्य कर विभाग ने सख्ती बढ़ा दी है। पिछले दिनों पान मसाला से लदे चार ट्रकों को बिना ई-वे बिल के पकड़े जाने के बाद यह कदम उठाया गया है। हर जोन में 10 से 12 अधिकारियों की टीम बनाई जाएगी जो फैक्ट्रियों के हाइवे से मिलने वाले रास्तों पर निगरानी करेंगी।

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    राज्य कर विभाग अब संबंधित जोन में फैक्ट्रियों के हाईवे से मिलने वाले रास्तों पर निगरानी बढ़ाएगा।

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। पान मसाला फैक्ट्रियों में होने वाले उत्पादन और बिक्री पर कर चोरी को रोकने के लिए अब और अधिक सख्ती की जाएगी। राज्य कर विभाग अब संबंधित जोन में फैक्ट्रियों के हाईवे से मिलने वाले रास्तों पर निगरानी बढ़ाएगा। 

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    इसके लिए हर जोन में 10 से 12 अधिकारियों की एक और टीम बनायी जाएगी। पिछले दिनों पान मसाला से लदे कानपुर के पंजीकृत चार ट्रकों को बिना ई-वे बिल के पकड़े जाने के बाद यह कदम उठाया जा रहा है।

    लंबे समय से जीएसटी की चोरी

    पान मसाला, गुटखा और तंबाकू सहित संवेदनशील उत्पादों में एक ई-वे बिल पर बार-बार बिक्री कर लंबे समय से जीएसटी की चोरी की जा रही थी। पिछले वर्ष राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश माल और सेवा कर (संशोधन) अधिनियम, 2024 में नई धारा 122(क) को जोड़कर संवेदनशील उत्पाद बनाने वाली कंपनियों के लिए अपनी मशीनों का पंजीकरण राज्य जीएसटी में कराना अनिवार्य कर दिया था।

     

    अब हर मशीन के उत्पादन का विवरण भी रिटर्न में दाखिल करना होता है। मशीनों का पंजीकरण न कराने पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाने का अधिकार राज्य कर विभाग को दिया गया है। ऐसे में राज्य कर विभाग ने पान मसाला और गुटखा फैक्ट्रियों पर सख्ती बढ़ा दी है। 

    कैमरे के साथ अधिकारियों की टीमें तैनात

    फैक्ट्रियों की निगरानी के लिए बाडी वार्मअप कैमरे के साथ अधिकारियों की टीमें तैनात की गई हैं। सीसीटीवी कैमरे लगाकर उसका नियंत्रण जोन और मुख्यालय स्तर के जिम्मेदार अधिकारियों को दिया गया है। इसके बावजूद लखनऊ की एसआइबी टीम ने पिछले दिनों पान मसाला के चार ट्रकों को बिना ई-वे बिल के पकड़ा था। 

    राज्य कर आयुक्त ने इसे गंभीरता से लेते हुए चार राज्य कर अधिकारियों को निलंबित कर दिया था। उन्होंने शासन से चार सहायक कर आयुक्तों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति भी की है। 

    निलंबित अधिकारियों ने कहा है कि उनकी ड्यूटी गेट पर थी, ट्रक बाहर निकलने के दूसरे रास्ते भी हैं। ऐसे में राज्य कर मुख्यालय ने फैक्ट्रियों के मुख्य गेट के अलावा अन्य सभी रास्तों पर भी सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। हर जोन में 10 से 12 अधिकारियों की टीम बनाकर एक रिजर्व सर्किल तैयार करने को कहा गया है। 

    यह अधिकारी दो से तीन की टुकड़ी में फैक्ट्रियों से हाइवे की ओर जाने वाले रास्तों पर तैनात होंगे। यदि कोई ट्रक बिना ई-वे बिल के निकलेगा तो उसे पकड़ने की जिम्मेदारी इस टीम की होगी। 

    राज्य कर आयुक्त डाॅ. नितिन बंसल का कहना है कि बिना ई-वे बिल के चार ट्रकों वाला मामला पकड़ में आने के बाद सभी जोन सतर्क हो गए हैं। वे अपने स्तर से टीमें बना रहे हैं।

    राज्य कर अधिकारी के निलंबन पर उठे सवाल

    इस मामले में जिन राज्य कर अधिकारी अंकुर द्विवेदी को निलंबित किया गया है, बताया जा रहा है कि वह मेडिकल अवकाश पर चल रहे थे। राज्य कर अधिकारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष दीपक सिंह ने सभी चारों अधिकारियों के निलंबन से पहले जांच कराने की मांग की थी। 

    उनकी मांग का संज्ञान शासन ने लिया है। चारों निलंबित अधिकारियों की फिर से जांच कराने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं, जिन चार सहायक कर आयुक्तों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की गई है, उनपर भी अभी निर्णय नहीं हो सका है।