जज्बा हो तो ऐसा... कारपोरेट की नौकरी से नहीं मिला चैन, मात्र दो साल मेहनत की, फिर बन गई सरकारी अफसर
12वीं करने के बाद 2014 में इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग से बीटेक की पढ़ाई की। उसके बाद नौकरी की। वर्ष 2021 में पीसीएस की तैयारी शुरू की। बकौल अंजनी पहली बार में 2022 प्री दिया। करेंट अफेयर्स में अच्छा नहीं कर पाई। फिर तैयारी शुरू की। मॉक टेस्ट दिए। एक कोचिंग से मेंस के लिए ऑनलाइन क्रैश कोर्स किया। आंसर राइटिंग का अभ्यास किया। इससे कोई प्रश्न नहीं छूटा।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की सम्मिलित राज्य, प्रवर अधीनस्थ सेवा परीक्षा 2023 का रिजल्ट मंगलवार को देर शाम घोषित किया गया। इसमें शहर के मेधावियों ने सफलता हासिल की है। लखनऊ अंजनी यादव ने 12वीं रैंक के साथ डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित हुई हैं।
लखनऊ एलडीए कानपुर रोड सेक्टर सी-1 की रहने वाली अंजनी यादव ने पांच साल तक नोएडा में कारपोरेट की नौकरी की। नौकरी से संतुष्टि नहीं मिली तो पीसीएस की तैयारी शुरू की। अब प्रदेश में टॉप 12 में स्थान लेकर डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित हुईं हैं।
2021 में शुरू की थी तैयारी
अंजनी ने लखनऊ पब्लिक इंटर कॉलेज से 12वीं करने के बाद 2014 में इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग से बीटेक की पढ़ाई की। उसके बाद नौकरी की। वर्ष 2021 में पीसीएस की तैयारी शुरू की।
बकौल अंजनी पहली बार में 2022 प्री दिया। करेंट अफेयर्स में अच्छा नहीं कर पाई। फिर तैयारी शुरू की। मॉक टेस्ट दिए। एक कोचिंग से मेंस के लिए ऑनलाइन क्रैश कोर्स किया। आंसर राइटिंग का अभ्यास किया। इससे कोई प्रश्न नहीं छूटा।
नतीजा, 2023 में प्री से लेकर मेंस तक क्लियर हो गया। पापा प्रदीप कुमार यादव यूपी पुलिस में तैनात हैं। मम्मी कुंती यादव का पूरा साथ मिला। सफलता में दोनों का विशेष योगदान रहा।
डिप्टी जेलर बने श्याम मौर्य
वर्ष 2018 में रायबरेली से बीटेक की पढ़ाई करने के बाद श्याम कुमार मौर्य ने लखनऊ में रहकर पीसीएस की तैयारी शुरू की। अब वह 25 वीं रैंक लेकर डिप्टी जेलर के पद पर चयनित हुए हैं।
मूलरूप से महराजगंज के रहने वाले श्याम के पिता दुर्गेश मौर्य किसान हैं। पिता के साथ मांं कौशल्या देवी विषम परिस्थितियों में मनोबल बढ़ाते रहे। श्याम के अनुसार, सिलेबस के अनुसार नियमित पढ़ाई करने से ही सफलता मिली है। वह डिप्टी जेलर बनने से संतुष्ट नहीं रहेंगे। नियुक्ति के बाद अपनी सिविल सेवा की तैयारी भी जारी रखेंगे। उनका सपना संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा उत्तीर्ण करने का है।
लेखाधिकारी बने आनंद
काकोरी के रहने वाले आनंद तिवारी लेखाधिकारी बने हैं। उनकी इस पद की जारी सूची में दूसरा स्थान है। नवोदय विद्यालय से 12वीं करने के बाद इन्होंने एनआईटी उत्तराखंड से बीटेक कंप्यूटर साइंस किया। फिर लखनऊ में रहकर अपनी तैयारी शुरू की। आनंद के पिता प्रमोद तिवारी राम दुलारी इंटर कॉलेज माल में प्रिंसिपल हैं।
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