Morang and Sand Price: यूपी में बारिश की वजह से फिर महंगी हुई बालू, गिरे मौरंग-सरिया के रेट
माल की खपत न होने से मौरंग-सरिया के रेट गिरे हैं। 75000 रुपये पहुंच गई मौरंग का भाव घटकर 62000 रुपये प्रति टन हो गया है। वहीं 60000 रुपये टन वाली सरिया में दो हजार रुपये प्रति टन की गिरावट दर्ज की गई है।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। बारिश ने निर्माण कार्य पर ब्रेक लगा दिया है। माल की खपत न होने से मौरंग-सरिया के रेट गिरे हैं। 75,000 रुपये पहुंच गई मौरंग का भाव घटकर 62,000 रुपये प्रति टन हो गया है। वहीं 60,000 रुपये टन वाली सरिया में दो हजार रुपये प्रति टन की गिरावट दर्ज की गई है। सरिया के मौजूदा भाव 58,000 रुपये टन हो गए हैं। वहीं बरसात के दिनों में घरों के अंदरूनी हिस्सों में चलने वाले प्लास्टर के काम से बालू की खपत में इजाफा हुआ है। इसके रेट में पांच हजार रुपये प्रति हजार घनफीट की तेजी आई है।
भवन सामग्री रुपये प्रति ट्रक एक हजार घनफीट -पहले -अब
मौरंग-75,000 -62,000
बालू का ट्रक-40,000 -45,000
सरिया -60,000 -58,000 प्रति टन
ईंटों का भाव प्रति हजार पहले- अब
ईंट अव्वल -8,000 -7,000
ईंट नंबर दो ग्रेड- 7,000 -6,000
गिट्टी - 55,000 से 60,000
प्रति घनफीट रुपये में पहले -अब
मौरंग-75 -62
बालू-40 -45
सरिया-6,000 -5,800 प्रति क्विंटल
उत्तर प्रदेश सीमेंट व्यापार संघ के अध्यक्ष श्याममूर्ति गुप्ता ने बताया कि प्लास्टर का काम बारिश में तेज हो जाता है। ऐसे में बालू को छोड़कर अन्य सभी भवन सामग्री का भाव ढीला है। मौरंग, सरिया, गिट्टी सभी के रेट में गिरावट है। खपत न होने से दाम काफी गिरे हैं।
ईंट भट्ठा कारोबारी मान सिंह वर्मा ने बताया कि ईंट की पकाई बारिश में लगभग बंद ही रहती है। काम न होने की वजह से ईंट के भाव में एक हजार रुपये प्रति ट्रक का अंतर आया है। ईंट के दोनों ग्रेड के मूल्य में कमी आयी है।
बता दें कि मानसून के दौरान नदियों के किनारे खनन कार्य बंद रहता है। ऐसे में बाजार में भंडारण की बालू व मौरंग ही आती है। पिछले दिनों पूर्वांचल के कुछ जिलों में मौरंग के दाम 100 रुपये प्रति घन फुट तक पहुंच गए थे। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री ने तत्काल भवन निर्माण सामग्रियों के मूल्य में अनपेक्षित बढ़ोतरी पर नियंत्रण करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने अनावश्यक भंडारण करने वालों को चिन्हित कर कार्रवाई के लिए कहा है। भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग की सचिव डा.रोशन जैकब ने बताया कि खनन विभाग भंडारण की नियमित समीक्षा कर रहा है।
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