'समर्थ' पोर्टल से बदलेगी यूपी की उच्च शिक्षा, नामांकन से लेकर परीक्षा तक सब कुछ होगा ऑनलाइन
लखनऊ योगी सरकार उच्च शिक्षा को डिजिटल बनाने के लिए समर्थ पोर्टल को पूरी तरह लागू करेगी। संकाय पदोन्नति नामांकन वेतन और परीक्षा जैसी प्रक्रियाएं पोर्टल से होंगी। 2025-26 तक निजी ईआरपी सिस्टम बंद हो जाएंगे। विश्वविद्यालयों में पोर्टल से कार्य शुरू हो गया है और शिक्षकों के लिए ऑनलाइन पदोन्नति पोर्टल भी विकसित किया गया है। सरकार का लक्ष्य यूपी को उच्च शिक्षा में अग्रणी बनाना है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। उच्च शिक्षा को डिजिटल, पारदर्शी और सुगम बनाने के लिए योगी सरकार चालू वित्तीय वर्ष में ‘समर्थ’ पोर्टल को सभी विश्वविद्यालयों और कालेजों में पूरी तरह लागू करने की तैयारी कर रही है। इसके लागू होने के बाद संकाय पदोन्नति, नामांकन, वेतन भुगतान, परीक्षा और शोध अनुदान जैसी महत्वपूर्ण प्रक्रियाएं पोर्टल के माध्यम से ही संचालित की जाएंगीं।
कार्ययोजना के अनुसार वित्तीय वर्ष 2025-26 के समाप्त होने तक सभी निजी एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग (ईआरपी) सिस्टम को बंद कर केवल समर्थ प्लेटफार्म का उपयोग किया जाएगा। फिलहाल राज्य के सभी सरकारी विश्वविद्यालयों और संबद्ध कालेजों का इस पोर्टल पर पंजीकरण कराया जा चुका है।
विश्वविद्यालयों ने वेतन, व्यय भुगतान, अवकाश प्रबंधन, नामांकन और परीक्षाओं जैसे कार्यों को इसके माध्यम से संचालित करना शुरू कर दिया है। छात्रों का आनलाइन पंजीकरण करने को लेकर काम चल रहा है।
वहीं शिक्षकों की करियर एडवांसमेंट स्कीम (सीएएस) के तहत पदोन्नति के लिए आनलाइन पोर्टल विकसित कर लिया गया है। इस नई व्यवस्था से शिक्षकों को आवेदन प्रक्रिया में आसानी होगी और चयन की प्रक्रिया पारदर्शी बन सकेगी। वहीं उच्च शिक्षा विभाग द्वारा सेमिनार, शोध परियोजनाएं, पुरस्कार और शैक्षणिक अनुदान के लिए आनलाइन पोर्टल विकसित किया जा रहा है।
उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने बताया कि सरकार का लक्ष्य न केवल डिजिटल भारत के विजन को जमीन पर उतारना है, बल्कि उत्तर प्रदेश को उच्च शिक्षा की गुणवत्ता और पारदर्शिता के मामले में अग्रणी राज्य बनाना भी है। समर्थ पोर्टल इस दिशा में बड़ा कदम है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।