UP Assembly Election: आपदा को अवसर में बदलकर 'मिशन 2022' साधेगी सपा, इन 4 सूत्रों पर रहेगा फोकस
UP Assembly Election कोरोना से निपटने में भारतीय जनता पार्टी की सरकार पूरी तरह फेल हो गई है वहीं समाजवादी पार्टी समाज सेवा के लिए समर्पित है। पार्टी ने आपदा को अवसर में बदलकर मिशन 2022 की तैयारी भी शुरू कर दी है।

राज्य ब्यूरो, लखनऊ : नई हवा है...नई सपा है...नारे के साथ अब समाजवादी पार्टी अपनी छवि बदलने की कोशिश में जुट गई है। इसी के तहत पार्टी यह संदेश देना चाहती है कि कोरोना से निपटने में भारतीय जनता पार्टी की सरकार पूरी तरह फेल हो गई है, वहीं, समाजवादी पार्टी समाज सेवा के लिए समर्पित है। पार्टी ने आपदा को अवसर में बदलकर 'मिशन 2022' की तैयारी भी शुरू कर दी है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं को समाज सेवा में पूरी तरह जुटने के साथ ही चार सूत्र संपर्क, संवाद, सहयोग व सहायता पर चलने के लिए कहा है।
अब यह लगभग साफ हो गया है कि उत्तर प्रदेश में वर्ष 2022 का विधानसभा चुनाव में कोरोना एक बड़ा मुद्दा रहेगा। इसी नजरिए से समाजवादी पार्टी विधानसभा चुनाव की तैयारी भी करेगी। सपा आम जनता के बीच जाकर उनकी परेशानियों को दूर करने की कोशिश करेगी। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने नेताओं व कार्यकर्ताओं से कहा है कि वे आमजनों की हर संभव मदद करें। गरीबों को मुफ्त खाना खिलाने के लिए जगह-जगह समाजवादी रसोई चलाईं जाएं।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जरूरतमंदों को राशन वितरण करने के लिए भी कहा है। उन्होंने जनता से सीधे संपर्क व संवाद बनाकर सहयोग व सहायता करने के लिए कहा है। अखिलेश यह चाहते हैं कि आमजनों के बीच सपा की नई तस्वीर पेश हो। साथ ही कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में इलाज न मिल पाने के कारण जो आमजनों को परेशानियां हुईं, उसकी याद लोगों के जेहन में ताजा रखी जाएं। सपा यह संदेश देना चाहती है कि कोरोना संक्रमण से निपटने में सरकार हर मोर्चे पर विफल रही।
केवल पूंजीपतियों का हुआ विकास : सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार में सबका साथ, सबका विकास का नारा खूब लगाया जाता है लेकिन हकीकत में केवल कुछ पूंजीपतियों का ही विकास हुआ। जनसामान्य की तकलीफों को कम करने के बजाय वह उनमें और बढ़ोतरी करने की साजिशें कर रही है। कृषि अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने के बाद अब वह घरेलू अर्थव्यवस्था को भी चौपट करने में लग गई है। महंगाई विकराल रूप धारण कर रही है। पेट्रोल-डीजल के दामों में इतनी बढ़ोतरी पहले कभी नहीं हुई। आरटीआइ से मिली सूचना के अनुसार पेट्रोलियम उत्पादों से भारत सरकार को 4.51 लाख करोड़ रुपये का फायदा हुआ है।
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