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    Rules For Dog Owner: बिना लाइसेंस पाल रहे हैं कुत्ता तो भरना पड़ सकता है 20 हजार का जुर्माना, ये हैं नियम

    By Jagran NewsEdited By: Abhishek Pandey
    Updated: Tue, 19 Dec 2023 01:49 PM (IST)

    Rules For Dogs Owner नगर निगम की तरफ से जारी होने वाला लाइसेंस नहीं था और कुत्ता टहला रहे थे। तभी नगर निगम की टीम पहुंची और जुर्माना लगा दिया। नगर निगम की टीम ने सोमवार को बिना लाइसेंस के कुत्ता पालने वालों पर कार्रवाई करते हुए 20 हजार का जुर्माना वसूला। अपर नगर आयुक्त डा. अरविंद राव ने बताया कि लाइसेंस बनवाने का अभियान बीस दिसंबर तक चलेगा।

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    बिना लाइसेंस पाल रहे हैं कुत्ता तो भरना पड़ सकता है 20 हजार का जुर्माना, ये हैं नियम

    जागरण संवाददाता, लखनऊ। नगर निगम की तरफ से जारी होने वाला लाइसेंस नहीं था और कुत्ता टहला रहे थे। तभी नगर निगम की टीम पहुंची और जुर्माना लगा दिया। नगर निगम की टीम ने सोमवार को बिना लाइसेंस के कुत्ता पालने वालों पर कार्रवाई करते हुए 20 हजार का जुर्माना वसूला।

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    अपर नगर आयुक्त डा. अरविंद राव ने बताया कि लाइसेंस बनवाने का अभियान बीस दिसंबर तक चलेगा। पहले दिन सोमवार को नगर निगम के पशु कल्याण अधिकारी डॉ. अभिनव वर्मा ने बताया कि नरही, जापलिंग रोड, जियामऊ, माल एवेन्यू, हजरतगंज में अभियान चलाया गया और बिना लाइसेंस के कुत्ता को पालने वाले लोगों से 20 हजार का जुर्माना वसूला गया है।

    एक कुत्ता पालक के खिलाफ पुलिस को शिकायत की गई है। शहर में 4400 लोग बिना लाइसेंस कुत्ते पाल रहे हैं। 2022-2023 में 82 सौ कुत्तों का लाइसेंस बनाया गया था, जबकि इस वित्तीय वर्ष में अभी तक 3800 ही लाइसेंस बने थे।

    यह है नियम

    रैबीज टीका लगाने का प्रमाण पत्र और कुत्ता पालन करने का शपथ पत्र देना पड़ता है। शपथ पत्र इस बात का होता है कि कुत्ता पालने से आसपास के निवासियों को कोई आपत्ति नहीं है।

    200 वर्ग मीटर के क्षेत्रफल तक दो कुत्ते पालने की अनुमति दी जाती है।

    विदेशी प्रजाति के कुत्तों के साथ क्रास बीट का लाइसेंस शुल्क एक हजार रुपये तथा देसी कुत्ते का लाइसेंस शुल्क दो सौ रुपये।

    लाइसेंस न होने पर पांच हजार के जुर्माने का प्रविधान है और जुर्माना न देने पर कुत्ते को जब्त करने का भी अधिकार है।

    विभाग नहीं कर रहा सुनवाई

    आवारा कुत्तों को पकड़ने में लापरवाह आय बढ़ानी तो नगर निगम का कैटल कैचिंग दस्ता सोमवार सुबह ही सड़क पर निकल गया, जबकि शहरवासी आवारा कुत्तों के आतंक से परेशान हैं और कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

    अधिकारी ही कुत्तों को न पकड़ने का तमाम बहाना बताते हैं और यह तर्क देते हैं कि कुत्ता पकड़ने पर विरोध होने लगता है। हकीकत यह है कि नगर निगम के अधिकारियों को ही किसी हादसे का इंतजार है। ऐसा जब है कि कैटल कैचिंग विभाग में भारी संख्या में कर्मचारी तैनात हैं, जो भैंसों और गायों को पकड़ने में व्यस्त रहते हैं, जो कमाई का एक बड़ा जरिया भी है।

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