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    RTI के तहत समय पर नहीं दी सूचना तो अधिकारियों पर लगी 8 क्विंटल भूसे की पेनाल्टी, चर्चा में है UP का यह मामला

    राज्य सूचना आयोग ने आरटीआई के तहत समय पर सूचना न देने पर चार ग्राम पंचायत अधिकारियों को आठ क्विंटल भूसा दान करने का दंड दिया है। अधिकारियों को गोशाला के सामने भूसे के साथ फोटो खिंचवाकर आयोग को भेजने का भी आदेश दिया गया है। यह मामला अलीगढ़ के पंचायत घर निर्माण से संबंधित है जहां हाकिम सिंह ने निर्माण संबंधी जानकारी मांगी थी।

    By Jagran News Edited By: Nitesh Srivastava Updated: Tue, 26 Aug 2025 01:10 PM (IST)
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    तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। राज्य सूचना आयोग ने सूचना का अधिकार अधिनियम (RTI) के तहत समय से सूचना न देने के मामले में चार ग्राम पंचायत अधिकारियों पर आठ क्विंटल भूसा देने का दंड लगाया है।

    साथ ही आदेश दिया है कि चारों ग्राम पंचायत अधिकारी गोशाला के सामने अपीलार्थी के साथ खड़े होकर भूसा सहित फोटो खिंचवाकर आयोग को उपलब्ध कराएं। इस आदेश को लेकर आयोग में खासी चर्चा है।

    अलीगढ़ की ग्राम पंचायत अरनिया ख्वाजा राजू में वर्ष 2021-22 में पंचायत घर का निर्माण शुरू किया गया था। अलीगढ़ के निवासी हाकिम सिंह ने तत्कालीन जन सूचना अधिकारी (ग्राम पंचायत अधिकारी) से पंचायत घर के निर्माण को लेकर कुछ सूचनाएं मांगी थीं।

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    मसलन, पंचायत घर निर्माण के लिए शासन द्वारा कब-कब कितनी राशि जारी की गई और कब-कब कितनी राशि खर्च की गई?

    पंचायत घर के निर्माण के लिए मनरेगा, केंद्र वित्त पोषित, राज्य वित्त पोषित व अन्य योजनाओं में से किस-किस योजना के तहत बजट आवंटित किया गया था? आवंटित बजट में से कितना बजट पंचायत घर के निर्माण पर खर्च किया गया है? निर्माण में इस्तेमाल की गई सामग्री की मात्रा, पंचायत घर का निर्माण स्वयं ब्लाक द्वारा कराया गया था या निविदा पर कराया गया था?

    निर्माण कितने वर्ग गज में किया गया है? निर्माण की लंबाई चौड़ाई सहित विवरण भी उन्होंने मांगा था। साथ ही यह सूचना भी मांगी थी कि निर्माण कराने वाले ठेकेदार का नाम व उसकी पंजीकृत फर्म का जीएसटी नंबर क्या है? सूचनाएं मांगने की अवधि में एक-एक कर वहां चार ग्राम पंचायत अधिकारी तैनात रहे। ग्राम पंचायत अधिकारियों से सूचनाएं न मिलने पर उन्होंने राज्य सूचना आयोग में अपील की थी।

    राज्य सूचना आयुक्त स्वतंत्र प्रकाश गुप्ता ने इस मामले की सुनवाई की और अपीलार्थी का कथन सही पाया कि संबंधित जन सूचना अधिकारियों ने निर्धारित समय पर सूचना नहीं दी। नतीजतन उन्होंने ग्राम पंचायत अधिकारी अजीत सिंह चौधरी, अवधेश कुमार, सुशील कुमार गोयल व पीयूष शर्मा पर दो-दो क्विंटल भूसा (सूखा चारा) खरीदकर ताहरपुर की गोशाला में देने का दंड लगाया है। अपीलार्थी ने निवेदन किया था कि सूचना देने में देरी को लेकर लगाए जाने वाले अर्थदंड का उपयोग जनहित के कार्य में किया जाए।