Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    आरटीई से पहले नियुक्त शिक्षकों को टीईटी से राहत दिलाने की मांग, यूटा ने दिल्ली में नितिन गडकरी को सौंपा ज्ञापन

    Updated: Thu, 18 Dec 2025 08:18 AM (IST)

    उत्तर प्रदेश के आरटीई से पहले नियुक्त शिक्षकों को टीईटी से राहत दिलाने की मांग की गई है। यूटा ने इस संबंध में दिल्ली में नितिन गडकरी को ज्ञापन सौंपा ह ...और पढ़ें

    Hero Image

    टीईटी की अनिवार्यता के खिलाफ यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी बुधवार को दिल्ली में केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मिले। सौ. एसोसिएशन

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। शिक्षा अधिकार अधिनियम (आरटीई) लागू होने से पहले नियुक्त शिक्षकों को शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की अनिवार्यता से छूट की मांग यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन (यूटा) ने की है।

    इसे लेकर पदाधिकारियों ने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से नई दिल्ली स्थित उनके आवास पर मुलाकात की। इस दौरान संगठन की ओर से हजारों शिक्षकों की समस्या से जुड़ा ज्ञापन दिया गया।

    राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीईटी) द्वारा वर्ष 2017 में जारी संशोधित अधिसूचना के तहत वर्तमान में कार्यरत सभी शिक्षकों के लिए टीईटी को न्यूनतम अर्हता अनिवार्य कर दिया गया है। इससे देशभर में लगभग 25 लाख शिक्षक प्रभावित हो रहे हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इसमें वे शिक्षक हैं, जिनकी नियुक्ति आरटीई लागू होने की तिथि 29 जुलाई 2011 से पहले, उस समय तय न्यूनतम योग्यता के आधार पर हुई थी। ये शिक्षक पिछले 25 से 30 वर्षों से लगातार सेवा दे रहे हैं। इनमें उत्तर प्रदेश के लगभग 1.86 लाख शिक्षक शामिल हैं।

    इसके अलावा चार लाख से अधिक ऐसे शिक्षक भी हैं, जिनकी नियुक्ति इंटर, बीटीसी या बीपीएड डिग्री के आधार पर हुई थी। मौजूदा नियमों के अनुसार वे टीईटी परीक्षा के लिए आवेदन करने के पात्र भी नहीं हैं, जिससे उनकी नौकरी पर संकट बना हुआ है।

    यूटा के प्रदेश अध्यक्ष और अखिल भारतीय शिक्षक संघर्ष मोर्चा के सह-संयोजक राजेन्द्र सिंह राठौर सहित अन्य पदाधिकारियों ने मांग की कि आरटीई लागू होने से पहले नियुक्त सेवारत शिक्षकों को टीईटी से छूट देने के लिए संसद में अध्यादेश पारित किया जाए, ताकि इस लंबे समय से चली आ रही समस्या का स्थायी समाधान हो सके।