संघ शताब्दी वर्ष: लखनऊ में पंच परिवर्तन के संदेश के साथ निकली विजयादशमी शोभायात्रा, 21 जिलों की सहभागिता
लखनऊ में राष्ट्रीय पर्व एवं उत्सव समिति ने विजयादशमी पर जय श्रीराम विजयादशमी शोभायात्रा निकाली। यह यात्रा शहर के मुख्य मार्गों से गुजरी और इसका उद्देश्य हिंदू समाज को एकजुट करना था। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष के अवसर पर 15 चौराहों पर प्रदर्शनी भी लगाई गई जिसमें समाज में सकारात्मक परिवर्तन का संदेश दिया गया। शोभायात्रा में प्रदेश के 21 जिलों के प्रतिनिधि शामिल हुए।

जागरण संवाददाता, लखनऊ। राष्ट्रीय पर्व एवं उत्सव समिति की ओर से विजयादशमी के अवसर पर गुरुवार को जय श्रीराम विजयादशमी शोभायात्रा निकाली गई। सुबह नौ बजे 1090 चौराहे के पास उत्सव (प्रतीक) स्थल से शुरू होकर यात्रा शहर भ्रमण के बाद वापस प्रतीक स्थल पर समाप्त हुई।
चौराहों पर केसरिया झंडे लगाए गए थे। राष्ट्रीय पर्व एवं उत्सव समिति के अध्यक्ष ललित श्रीवास्तव ने कहा कि पूर्व संध्या पर समिति के कार्यकर्ताओं के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने प्रदर्शनी का उद्घाटन किया था।
शोभायात्रा हिंदू समाज को एकसूत्र में बांधने और वैदिक सनातन धर्म की गौरवगाथा को पुनः स्थापित करने का प्रयास है। मिलन प्रमुख ऋषि राज जैन ने बताया कि शोभायात्रा में युवा शक्ति ने सहभागिता की।
मीडिया प्रभारी शिवांक रमन भदौरिया ने कहा कि यह शोभायात्रा भारतीय संस्कृति, आस्था और संगठन शक्ति का अद्वितीय परिचायक बनकर जन-जन के हृदय में नवचेतना जगाने का कार्य कर रही है। समिति के सभी पदाधिकारी एवं सात साप्ताहिक मिलनों, स्वामी विवेकानंद साप्ताहिक मिलन पूर्व एवं पश्चिम, मां शक्तिधाम मिलन, राष्ट्रीय पर्व एवं उत्सव समिति जानकीपुरम, समर विहार मिलन, बाबा भीमराव अधिवक्ता मिलन और तरुण मिलन के पालक व कार्यकर्ता शामिल हुए।
यात्रा गोमती नगर, इंदिरा नगर, विकास नगर, अलीगंज, कपूरथला, हनुमान सेतु, केजीएमसी, चौक, ठाकुरगंज, बालागंज, बुद्धेश्वर मंदिर, अवध चौराहा, आलमबाग, चारबाग, हजरतगंज, राजभवन, 1090 चौराहा और समता मूलक मार्ग से होती यात्रा वापस हुई।
यात्रा में दोपहिया और चारपहिया वाहनों का काफिला शामिल हुआ। शहर के 151 प्रमुख चौराहों को विशेष रूप से सजाया गया था। चौराहा समितियां स्थलों पर यात्रा का अभिनंदन पुष्पवर्षा और सांस्कृतिक कार्यक्रम से यात्रा का स्वागत किया गया।
शहर में 100 से अधिक स्थानोंं पर यात्रा का स्वागत किया गया। 15 प्रमुख चौराहों पर पंच-परिवर्तन विषय पर आधारित लगी प्रदर्शनी में समाज में सकारात्मक परिवर्तन और सांस्कृतिक जागरण का संदेश दिया गया। शोभायात्रा में राजधानी के अलावा प्रदेश के 21 जिलों का प्रतिनिधि शामिल हुए।
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