Road Safety With Jagran: उच्च शिक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल हो सड़क सुरक्षा, हर वर्ष जाती है डेढ़ लाख की जान
यूपी में सड़क सुरक्षा विषय को उच्च शिक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल करने का प्रयास किया जा रहा है। प्रति वर्ष डेढ़ लाख और यूपी में करीब 20 हजार लोग हादसों में अपनी जान गंवा देते हैं। लोगों को जागरूक करने के लिए इसे शिक्षा में शामिल करना बेहतर होगा।

लखनऊ, [आलोक मिश्र]। Road Safety With Jagran प्रदेश में हर वर्ष औसत बीस हजार से अधिक लोगों की जानें सड़क हादसों में जाती है। ऐसे ही हादसों से देश में लगभग डेढ़ लाख लोगों की जानें जाती हैं। हादसों की यह भयावह तस्वीर हर किसी को सोचने को मजबूर करती है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सभी जिलों में गठित की गईं सड़क सुरक्षा समिति
- सुप्रीम कोर्ट तक ने इसे बेहद गंभीरता से लेते हुए सभी राज्यों को जिला स्तर पर सड़क सुरक्षा समितियां गठित करने से लेकर पाठ्यक्रम में सड़क सुरक्षा विषय को शामिल करने के निर्देश दिए हैं।
- पाठ्यक्रम में सड़क सुरक्षा शामिल होने से ही लोगों में जागरूकता आ सकती है, लेकिन उच्च शिक्षा में अब तक ऐसा नहीं किया जा सका।
- प्रदेश में माध्यमिक विद्यालयों में सड़क सुरक्षा को पाठ्यक्रम में तो शामिल कराया गया है पर अभी इसे परीक्षा में शामिल नहीं किया गया है। वहीं उच्च शिक्षा में इसके प्रयास अवश्य हो रहे हैं।
- माना जा रहा है कि सड़क सुरक्षा विषय को परीक्षा में शामिल किए जाने पर बच्चे व अभिभावक दोनों इसे अधिक गंभीरता से लेंगे और इसके प्रति समाज में जिम्मेदारी का भाव भी बढ़ेगा।
- सुप्रीम कोर्ट वर्ष 2014 से ही सड़क सुरक्षा के प्रबंधों को लेकर सख्त है। उके निर्देशों पर ही प्रदेश में सड़क सुरक्षा कोष का गठन हुआ था। इसके अलावा मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में उप्र राज्य सड़क सुरक्षा परिषद भी गठित है।
- ताजा निर्देशों के क्रम में ही सभी जिलों में डीएम की अध्यक्षता में जिला सुरक्षा समिति का गठन किया गया है। लेकिन, यह समितियां अपनी भूमिका को प्रभावी नहीं बना सकी हैं।
सीएम योगी ने दिए थे सड़क सुरक्षा कार्य योजना तैयार करने के निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते दिनों पुलिस, यातायात, बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, प्राविधिक शिक्षा, उच्च शिक्षा, परिवहन, नगर विकास, लोक निर्माण विभाग समेत अन्य संबंधित विभागों के साथ परस्पर समन्वय बनाकर जागरूकता अभियान की कार्ययोजना तैयार की जाए। मुख्यमंत्री के ही निर्देश पर अब प्रदेश में एक वर्ष में दो बार सड़क सुरक्षा माह का आयोजन हो रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य वाहन चालकों में यातायात नियमों के अनुपालन के प्रति जागरूकता पैदा करना है, जिससे सड़क हादसों की बढ़ती रफ्तार पर अंकुश लगाया जा सके। इसी कड़ी में हर जिला स्तर पर सड़क सुरक्षा कार्य योजना भी तैयार की गई है।
स्कूलों में सड़क सुरक्षा विषय को परीक्षा में भी शामिल कराने के साथ ही उच्च शिक्षा में इस बतौर विषय शामिल किए जाने के लिए समिति गठित किए जाने की सिफारिश की गई है। यातायात माह के तहत लोगों को ट्रैफिक नियमों के अनुपालन के लिए प्रति प्रेरित किया जा रहा है।
एडीजी यातायात, अनुपम कुलश्रेष्ठ
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