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    24 घंटे में उखड़ी 27.50 लाख से बनी सड़क, घटिया निर्माण करने पर निगम ठेकेदार के खिलाफ विश्वासघात का मुकदमा दर्ज

    Updated: Thu, 20 Nov 2025 11:40 PM (IST)

    गोमतीनगर के विकल्प खंड में 27.50 लाख की लागत से बनी सड़क 24 घंटे में ही उखड़ गई, जिस पर मंडलायुक्त ने कड़ी नाराज़गी जताई। उनके निर्देश पर अभियंता अपूर्व पांडेय ने ठेकेदार के खिलाफ चिनहट थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।    

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    जागरण संवाददाता, लखनऊ। गोमतीनगर के विकल्प खंड में 3/410 के सामने 27.50 लाख से बनी सड़क 24 घंटे में उखड़ गई थी। इस मामले में निरीक्षण के दौरान मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत ने नाराजगी व्यक्त की थी। ऐसे में उनके आदेश पर अभियंता अपूर्व पांडेय ने गुरुवार को चिनहट थाने में ठेकेदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।

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    मंडलायुक्त बुधवार दोपहर गोमतीनगर के विकल्प खंड तीन पहुंच थे। वहां 24 घंटे पहली बनी सड़क को उखाड़ा तो सारी गिट्टियां बाहर आ गईं। उन्होंने निर्माण सामग्री में तारकोल की मात्रा कम होने की बात कहते हुए नगर आयुक्त से इसकी जांच कराने को कहा था। निरीक्षण के दौरान लोगों ने सड़क निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल उठाए तथा अधिकारियों के सामने अपनी शिकायतें रखीं थी।

    अधिकारियों ने मंडलायुक्त को बताया कि सड़क पर अभी केवल पैचवर्क के रूप में डीबीएम (डेंस बिटुमिनस मैकाडम) की परत डाली गई थी, जबकि अंतिम परत अर्थात बीसी (बिटुमिनस कंक्रीट) बिछाना अभी बाकी था। इस पर मंडलायुक्त ने सभी को फटकार लगाई थी।साथ ही ठेकेदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने का आदेश दिया था।

    28 अगस्त को दिया था ठेका 

    इसके बाद अवर अभियंता अपूर्व पांडेय ने गुरुवार को थाने में तहरीर दी, जिसमें उन्होंने बताया कि नगर निगम ने पेवर फिनिशर द्वारा सड़क निर्माण के लिए ठेकेदार अरविंद सिंह धामी को 28 अगस्त को ठेका दिया था। आरोप है कि ठेकेदार ने बिना किसी सूचना के 13 नवंबर की रात डीबीएम कर दिया। 14 नवंबर को निरीक्षण के दौरान पाया गया कि सड़क निर्माण में गुणवत्ता मानकों की पूरी तरह अनदेखा किया गया है। सड़क निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया है। जिससे स्थानीय नागरिकों में काफी रोष है।

    अभियंता ने बताया कि ठेकेदार के खिलाफ पहले भी निर्धारित समय से कार्य शुरू न करने पर दस हजार का जुर्माना लगाया जा चुका है। इस बार घटिया निर्माण से सरकारी धन की बर्बादी हुई है। साथ ही नगर निगम की छवि भी खराब हो रही है। इंस्पेक्टर चिनहट दिनेश चंद्र मिश्रा ने बताया कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

    विश्वासघात की धारा में दर्ज हुआ मुकदमा

    बीएनएस की धारा 316(4) के तहत, कोई विश्वासघात करता है, तो उसे सात साल तक की जेल और जुर्माने की सजा हो सकती है।

    जुर्माने की गलत जानकारी दे रहा नगर निगम

    नगर निगम के अधिशासी अभियंता अतुल मिश्र ने ठेकेदार पर पचास हजार का जुर्माना लगाया था और ठेकेदार मेसर्स अरविंद सिंह धामी को जारी पत्र में भी पचास हजार जुर्माना लगाए जाने का जिक्र है लेकिन अवर अभियंता अपूर्व पांडेय की तरफ से दी गई तहरीर में दस हजार जुर्माना लगाने की बात कही गई है, जो सवाल खड़ा कर रही है।