Road Accidents in UP : बढ़ते सड़क हादसों पर सरकार गंभीर, सीओ से कराई जा रही बड़ी दुर्घटनाओं की जांच
Increasing Road Accidents in UP सड़क दुर्घटना के मामलों में दर्ज मुकदमों की विवेचना में भी वाहनों के विरुद्ध हुए चालान जैसे बिंदुओं को शामिल कराया जा रहा है। सीओ बड़े हादसों में की गई जांच की रिपोर्ट यातायात निदेशालय को उपलब्ध कराएंगे। इसकी मानीटरिंग के लिए अलग सेल का गठन भी किया गया है।

आलोक मिश्र, जागरण, लखनऊ : इस वर्ष प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में ऐसे कई हादसे हो चुके हैं, जिनमें एक साथ कई लोगों की जान चली गई। हर घटना के बाद यातायात व्यवस्था को लेकर बड़े सवाल उठे। सड़क हादसों में कमी लाने के लिए केंद्र व राज्य की सरकारें लगातार प्रयास भी कर रही हैं पर इन पर काबू पाना मुश्किल हो रहा है। ऐसी परिस्थितियों में यातायात निदेशालय ने एक पहल की है।
ऐसी दुर्घटना, जिनमें तीन या उससे अधिक लोगों की जान गई हो उनकी जांच सीओ से कराई जा रही है। जिससे हादसे के कारण के साथ सड़क व दुर्घटना स्थल की भौगोलिक स्थिति, वाहन की फिटनेट से लेकर उसके विरुद्ध हुए चालान व अन्य बिंदुओं को जांच का हिस्सा बनाया जा सके। खासकर सड़क दुर्घटना के मामलों में दर्ज मुकदमों की विवेचना में भी वाहनों के विरुद्ध हुए चालान जैसे बिंदुओं को शामिल कराया जा रहा है।
- केस एक : 31 जनवरी को गाजीपुर में प्रयागराज से वापस आ रही श्रद्धालुओं से भरी पिकअप में पीछे से ट्रक ने टक्कर मारी। हादसे में आठ लोगों की मृत्यु हो गई।
- केस दो : 15 फरवरी को प्रयागराज में तेज रफ्तार बोलेरो व ट्रक में आमने-सामने टक्कर हुई और हादसे में दस लोगों की जान चली गई।
- केस तीन : 15 मई बलरामपुर में अर्टिगा कार में तेज रफ्तार ट्रक ने पीछे से टक्कर मार दी। दुर्घटना में पांच लोगों की मृत्यु हो गई।
सीओ बड़े हादसों में की गई जांच की रिपोर्ट यातायात निदेशालय को उपलब्ध कराएंगे। इसकी मानीटरिंग के लिए अलग सेल का गठन भी किया गया है। जिससे जांच में सामने आने वाले बिंदुओं का रोड सेफ्टी सेल से विश्लेषण कराया जा सके। उसके आधार पर यातायात निदेशालय कार्ययोजना बनाकर सड़क हादसों में कमी लाने के प्रयासों को आगे बढ़ाएगा।
इन तथ्यों को परिवहन विभाग के साथ साझा कर संयुक्त कार्रवाई भी होगी। बड़े हादसों के आधार पर दुर्घटना बहुल क्षेत्रों को भी नए सिरे से सूचीबद्ध कराया जाएगा। जांच रिपोर्ट को आधार बनाकर बार-बार यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन स्वामियों के विरुद्ध कार्रवाई का दायरा बढ़ाए जाने की सिफारिश भी होगी। इसके अलावा सर्वाधिक दुर्घटना वाले जिलों को सूचीबद्ध कर सड़क हादसों के कारणों का विश्लेषण भी कराया जा रहा है।
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