Water Purifier: अब एक बूंद पानी भी नहीं होगा बर्बाद, शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराएगा ओनीर
सीएसआइआर-आइआइटीआर ने एक अनोखा जल शोधक ओ नीर विकसित किया है जो बिना पानी की एक बूंद बर्बाद किए शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराता है। यह एनोडिक आक्सीडेशन तकनीक पर आधारित है और बिजली के बिना भी काम कर सकता है। इसकी कीमत घरेलू मॉडल के लिए 2000 से 10000 रुपये और कम्युनिटी मॉडल के लिए लगभग 2 लाख रुपये है।

विवेक राव, जागरण, लखनऊ। क्या आप जानते हैं कि आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले आरओ (रिवर्स आस्मोसिस) प्यूरीफायर एक लीटर शुद्ध पानी के लिए दो से तीन लीटर पानी बर्बाद कर देते हैं? यानी हर दिन काफी मात्रा में पानी नालियों में यूं ही बह जाता है।
इसी समस्या के समाधान के लिए काउंसिल आफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (सीएसआइआर) के भारतीय विष विज्ञान अनुसंधान संस्थान (आइआइटीआर), लखनऊ ने एक अनोखा जल शोधक ' ओ नीर ' विकसित किया है, जो बिना पानी की बर्बादी किए शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराएगा। खास बात यह है कि इस शोधक में मेंटेनेंस का झंझट भी नहीं होगा, और यह बिजली के बिना भी काम कर सकेगा।
संस्थान के वैज्ञानिकों ने जिस आरओ को विकसित किया है, वह एक मेम्ब्रेन-फ्री वाटर प्यूरीफायर है, यानी इसमें पारंपरिक आरओ सिस्टम की तरह बार-बार मेम्ब्रेन बदलने की जरूरत नहीं होगी। यह जल शोधक एनोडिक आक्सीडेशन तकनीक पर आधारित है, जो पानी में मौजूद बैक्टीरिया, वायरस, फंगस, प्रोटोजोआ और सिस्ट जैसे सूक्ष्मजीवों को पूरी तरह खत्म कर देता है। यदि पानी में टीडीएस (टोटल डिसाल्व्ड सालिड्स) या अन्य रासायनिक प्रदूषक ज्यादा हैं, तो विशेष प्री-फिल्टर का उपयोग किया जा सकता है।
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पानी को साफ करने के दौरान आवश्यक खनिजों को बनाए रखता है, जबकि अन्य आरओ में अक्सर खनिजों की कमी हो जाती है। यह विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) और पर्यावरण संरक्षण एजेंसी (ईपीए ) की ओर से तय किए गए मानकों के अनुसार पानी को शुद्ध करता है।
इस सिस्टम की सबसे खास बात यह है कि इसे बिजली के बिना भी इस्तेमाल किया जा सकता है। यह सौर ऊर्जा से संचालित होने की क्षमता रखता है, जिससे यह ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में भी बेहद उपयोगी और किफायती साबित होगा।
कोयंबटूर की कंपनी से तकनीकी करार
एसआइआर- आइआइटीआर ने इस डिवाइस के व्यवसायिक उत्पादन के लिए तकनीक का ट्रांसफर कर दिया है, और कोयंबटूर स्थित 'कन्वे वाटर प्राइवेट लिमिटेड ' इसे जल्द बाजार में लाने की तैयारी में है। इसकी कीमत घरेलू माडल के लिए मात्र 2,000 से 10,000 रुपये के बीच होगी, जबकि बड़े स्तर पर उपयोग के लिए इसका कम्युनिटी माडल दो लाख रुपये के आसपास आएगा।
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-डा. भास्कर नारायण, निदेशक, सीएसआइआर- आइआइटीआर। जागरण
संस्थान द्वारा विकसित इस वाटर प्यूरीफायर की तकनीक पेटेंट के माध्यम से अच्छी तरह से संरक्षित है और इसका कापीराइट व ट्रेडमार्क भी है। इसका घरेलू संस्करण पांच मिनट में 10 लीटर पानी शुद्ध करता है, जबकि व्यावसायिक संस्करण प्रति घंटा 450 लीटर पानी शुद्ध करता है। -डा. भास्कर नारायण, निदेशक, सीएसआइआर- आइआइटीआर।
सामान्य आरओ से पानी होता है बर्बाद
विशेषज्ञों के अनुसार, एक सामान्य आरओ के मेंटेनेंस खर्च में फिल्टर, मेम्ब्रेन, सेडिमेंट फिल्टर, कार्बन फिल्टर, मेम्ब्रेन, यूपी लैंप, सर्विसिंग चार्ज मिलाकर 2,500 से 6,000 रुपये तक खर्च हो सकता। जबकि ओ नीर डिवाइस सौर ऊर्जा से चलता है और प्रति लीटर केवल दो पैसे में शुद्ध पेय जल उपलब्ध करा सकता है। इसका रखरखाव भी लगभग शून्य है। इसमें लगा स्मार्ट सेंसर सिस्टम रियल टाइम जानकारी उपलब्ध कराता है, जो सेल्फ-क्लीनिंग मोड और स्वचालित टैंक भरने की व्यवस्था से लैस है।
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