गाजियाबाद में फर्जी मोबाइल कंपनी का भंडाफोड़, 10 गिरफ्तार
पुलिस ने फर्जी मोबाइल कंपनी का भंडाफोड़ कर कॉल सेंटर के १० कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से २० वायरलेस वॉकी, प्रिंटर, फर्जी टिन नंबर की बिल बुक व चार मोबाइल बरामद किए।
गाजियाबाद (जेएनएन)। पुलिस ने फर्जी मोबाइल कंपनी का भंडाफोड़ कर कॉल सेंटर के १० कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनके पास से २० वायरलेस वॉकी, १८ चार्जर, चार्जिंग बोर्ड, प्रिंटर, पावर बैंक, पैकिंग मशीन, फर्जी टिन नंबर की बिल बुक व चार मोबाइल फोन बरामद किए हैं। पकड़े गए आरोपी फर्जी कंपनी बनाकर लोगों को कॉलसेंटर से फोन कर महंगे फोन के नाम पर घटिया फोन सप्लाई कर चूना लगाते थे। गिरोह का सरगना फरार है।
सोमवार को एसपी सिटी आकाश तोमर ने प्रेसवार्ता में बताया कि पकड़े गए आरोपियों की पहचान बदायूं निवासी राजेश, मुजफ्फरपुर बिहार निवासी नितीश, बुलंदशहर निवासी करीम, पीलीभीत निवासी विमलेश, बदायूं निवासी पुष्पेंद्र, मैनपुरी निवासी रोहित, बुलंदशहर निवासी आलोक, हिमांशु, मैनपुरी निवासी नीरज व विजयनगर निवासी जीत के रूप में हुई है। गिरोह का सरगना विजयनगर निवासी आकाश शर्मा फरार है। पुलिस उसे तलाश रही है।
सात हजार रुपये में मोबाइल, चार्जर, ईयरफोन, डाटा केबल, पावर बैंक और कार्ड रीडर देने का झांसा देकर वह ऑर्डर बुक करते थे। आरोपियों के पास से पुलिस को करीब दो दर्जन सिम मिले हैं जिनसे यह लोगों को कॉल करते थे। सभी सिम फर्जी आइडी पर एक्टीवेट कराए गए।
ऐसे चल रहा था फर्जी कारोबार : आकाश ने फरवरी में खोड़ा के दीपक विहार में किराये के मकान में कॉल सेंटर शुरू किया और वॉयस टेली सर्विस के नाम से फर्जी कंपनी बनाकर, फर्जी टिन नंबर पर बिल बुक तैयार कराई। पांच से १० हजार रुपये में युवकों को कालिंग करने के लिए नौकरी पर रखा। पंफलेट के माध्यम से उसने एक फर्जी कंपनी के मोबाइल फोन को चाइना के एक ब्रांड के नाम से थ्रीजी व फोरजी के महंगे मोबाइल फोन सस्ते दाम में मिलने का प्रचार कराया और लोगों को बताया कि कंपनी ने एक मोबाइल लांच किया है। दिल्ली एनसीआर के नंबरों की एक सूची कर्मचारियों को मुहैया कराई।
ग्राहकों से बात के लिए स्क्रिप्ट भी दी गई। ये कर्मचारी लोगों को फोन कर १० से १५ हजार कीमत के फोन पांच से सात हजार रुपये में देने की बात कहते। ग्राहक को संतुष्ट कर ऑर्डर लेकर दिल्ली गफ्फार मार्केट से एक हजार से १५०० रुपये तक के घटिया फोन लाते और उसकी बढिय़ा पैकिंग कर ग्राहक तक पहुंचाकर पैसे वसूल करते। मोबाइल खराब निकलने पर ग्राहक कॉल सेंटर में फोन करता तो आरोपी उसे सर्विस सेंटर का फर्जी नंबर देते जो बंद मिलता।