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COVID-19 Situation in Lucknow: रेमडेसिविर का लखनऊ में स्टॉक पूरी तरह खत्म, ब्लैक में 40 हजार कीमत

कोरोना के गंभीर मरीजों की जान बचाना दिनों-दिनों मुश्किल होता जा रहा है। आइसीयू व वेंटिलेटर पर भर्ती मरीजों में रिकवरी के लिए लगाए जाने वाले इस इंजेक्शन का बचा-खुचा स्टॉक भी शनिवार को खत्म हो गया। एक दो दिनों तक इसके आने की कोई उम्मीद नहीं है।

By Rafiya NazEdited By: Published: Mon, 19 Apr 2021 10:15 AM (IST)Updated: Mon, 19 Apr 2021 04:31 PM (IST)
COVID-19 Situation in Lucknow: रेमडेसिविर का लखनऊ में स्टॉक पूरी तरह खत्म, ब्लैक में 40 हजार कीमत
लखनऊ में रेमडेसिविर की अगले एक दो दिनों तक सप्लाई आने की कोई उम्मीद नहीं।

लखनऊ, जेएनएन। कोरोना के गंभीर मरीजों की जान बचाना दिनों-दिनों मुश्किल होता जा रहा है। आइसीयू व वेंटिलेटर पर भर्ती मरीजों में रिकवरी के लिए लगाए जाने वाले इस इंजेक्शन का बचा-खुचा स्टॉक भी शनिवार को खत्म हो गया। केमिस्ट एसोसिएशन के अनुसार अगले-एक दो दिनों तक इसके आने की कोई उम्मीद नहीं है। एक अप्रैल से कोरोना के मामलों में तेजी से उछाल आने के बाद गंभीर मरीजों की संख्या बढ़ने पर ज्यदातर डाक्टर मरीजों को परामर्श में यही इंजेक्शन लिख रहे थे। देखते ही देखते मांग बढ़ने पर इसकी कालाबाजारी शुरू हो गई। आमतौर में 1200 से 1600 तक की रेंज में बिकने वाला यह इंजेक्शन 40-40 हजार तक की कीमत पर बेचा जाने लगा। हालांकि लखनऊ के ट्रांसपोर्टनगर में शनिवार को एक डीलर के पास यह इंजेक्शन उपलब्ध था। उन्होंने मरीजों को इसे निर्धारित कीमत में ही दिया।

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अहमदाबाद से भी एक लोग अपने मरीज के लिए फ्लाइट से इंजेक्शन लेने लखनऊ आए। मगर अब उनके यहां भी स्टॉक खत्म हो गया है। कोरोना संबंधी दवाओं व इंजेक्शन की आपूर्ति के लिए अभी भी सरकार या ड्रग विभाग की ओर से कोई कड़ा कदम नहीं उठाया गया है। लिहाजा मरीज मरने के मजबूर हैं।केमिस्ट एसोसिएशन के प्रवक्ता सुरेश कुमार ने बताया कि इस इंजेक्शन की बाजार में भारी मांग है। मगर सप्लाई नहीं आने से दिक्कत हो रही है। इसके लिए ट्रांसपोर्ट नगर में कुछ डीलर को अधिकृत किया गया है। जो मरीजों को आधार नंबर व डाक्टरों के परामर्श पर इंजेक्शन उपलब्ध कराएंगे। मगर स्टॉक नहीं होने से मरीज परेशान हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि अगले दो दिनों तक अभी इसकी सप्लाई आने की कोई उम्मीद नहीं है। वहीं इस बारे में बात करने के लिए जब ड्रग इंस्पेक्टर बृजेश कुमार को फोन किया गया तो उनका नंबर बंद पाया गया। वहीं ड्रग कंट्रोलर एके जैन कोरोना संक्रमित होकर मेदांता में भर्ती हैं। इससे वह बात करने की स्थिति में नहीं थे।डीजी ने कहा कि बाजारों में रेमडेसिविर देना हमारा जिम्मा नहीं: सीएमओ डा. संजय भटनागर ने अपना फोन बंद कर रखा है। वहीं स्वास्थ्य महानिदेशक डा. डीएस नेगी ने बताया कि बाजारों में रेमडेसिविर की उपलब्धता का काम ड्रग विभाग का है। हम सरकारी अस्पतालों में आपूर्ति बहाल करते हैं। उन्होंने बताया कि पिछले दिनों इंजेक्शन की कुछ डोज आई थी। वह वितरित कर दी गई। अभी दो लाख वायल की मांग और की गई है। जोकि अगले हफ्ते तक आ जाएगी।


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