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    Jalaluddin alias Changur : मतांतरण का मास्टरमाइंड जलालुद्दीन उर्फ छांगुर था प्रधान, अधिकारियों पर झाड़ता था रौब

    Updated: Fri, 25 Jul 2025 05:28 PM (IST)

    Jalaluddin alias Changur was Gram Pradhan सरकारी योजनाओं का लाभ अगर उसको नहीं या फिर देर से मिलता था अथवा जिला स्तर पर फाइल पर कार्रवाई नहीं होती थी तो छांगुर अपना जलवा दिखाता था। छांगुर का काम कराने के लिए लखनऊ से उच्च अधिकारियों की सिफारिश आ जाती थी।

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    मतांतरण का मास्टरमाइंड जलालुद्दीन उर्फ छांगुर था प्रधान

    जागरण संवाददाता, बलरामपुर : उत्तर प्रदेश एटीएस की गिरफ्त में आया हिंदू युवतियों के मतांतरण का मास्टरमाइंड जलालुद्दीन उर्फ छांगुर पहले रेहरामाफी गांव का प्रधान हुआ करता था। प्रधान के अपने कार्यकाल के दौरान छांगुर जिले में दबदबा बनाकर रखता था। वह सिर्फ अपनी पहचान वालों का ही काम करता था।

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    प्रधानी के अपने कार्यकाल के दौरान भी छांगुर जिला स्तरीय अधिकारियों पर खूब रौब जमाता था। सरकारी योजनाओं का लाभ अगर उसको नहीं या फिर देर से मिलता था अथवा जिला स्तर पर फाइल पर कार्रवाई नहीं होती थी तो छांगुर अपना जलवा दिखाता था। छांगुर का काम कराने के लिए लखनऊ से उच्च अधिकारियों की सिफारिश आ जाती थी। इसके बाद यहां के बेबस अधिकारियों को उसका काम चुटकी बजाते ही करना पड़ता था।

    नीतू और नवीन के संपर्क में आने के बाद बदले तेवर

    जलालुद्दीन उर्फ छांगुर के तेवर उसकी खास बन गई नीतू के आते ही बदल गए। नीतू और नवीन के संपर्क में आने के छांगुर के कनेक्शन बलरामपुर से लेकर दुबई तक न सिर्फ मजबूत हुए, बल्कि वह आलीशान कोठी व करोड़ों की संपत्ति का मालिक बन गया। नवीन रोहरा उर्फ जमालुद्दीन तो पहले से सऊदी में शिपिंग का कार्य करता था और नीतू उर्फ नसरीन बतौर सीईओ लंदन की एक फर्म से जुड़ी थी।

    अवैध मतांतरण के सरगना छांगुर की जांच अब सिर्फ एटीएस तक सीमित नहीं है। ईडी के साथ ही अन्य केंद्रीय संस्थाएं छानबीन में जुटी हैं। जांच का दायरा भी लगातार बढ़ता जा रहा है। जिले की सीमा से सटे जिलों के साथ ही आजमगढ़, बनारस, गाजियाबाद में भी छानबीन हो रही है।

    बैंक खातों से खुलने लगे छांगुर के राज

    कारोबार फैलाने के लिए नवीन ने संयुक्त अरब अमीरात में छांगुर के प्रवेश का प्रपत्र भी तैयार कराया था। खाड़ी देशों में पैठ बनाने से मतांतरण कराने में भी आसानी होती। जांच में भी स्पष्ट हुआ है कि छांगुर दुबई से लोगों का मतांतरण कराने का प्रमाणपत्र बनवाता था। छांगुर उर्फ जलालुद्दीन का गिरोह सिर्फ मतांतरण तक ही सीमित नहीं था, वह खाड़ी देशों में भी कारोबार बढ़ा रहा था।

    नवीन ने छांगुर के संपर्क में आने के बाद शिपिंग के साथ ही दूसरे कार्य भी शुरू कर दिए। पनामा की कंपनी भले ही नवीन ने शिपिंग को आगे बढ़ाने के लिए बनाई थी, लेकिन 2023 में उसने पांच अन्य कंपनियों का पंजीकरण कराया। उन्हीं में से एक कृष्णा इंटरनेशनल के खाते में रुपये भी भेजे, जिससे नए कारोबार को शुरू किया जा सके। इसके साथ ही यूनाइटेड मरीन के बैंक खाते में वर्ष 2020 में वित्तीय लेनदेन किए।