Religion Conversion Gang Busted : मतांतरण गिरोह के मास्टरमाइंड छांगुर बाबा के रडार पर सिर्फ हिंदू युवतियां, बेचता था अंगूठियां
Religion Conversion Gang Busted बलरामपुर के उतरौला क्षेत्र में रहने वाला छांगुर बाबा खुद को पीर बाबा और सूफी हजरत बाबा जलालुद्दीन होने का दावा करता था। गिरोह के सदस्यों के इस्लामिक देशों की 40 से अधिक यात्राएं करने की बात भी सामने आई है। 40 बैंक खातों में विदेश से 100 करोड़ रुपये से अधिक की फंडिंग हुई है।

राज्य ब्यूरो, जागरण, लखनऊ : हिंदू युवतियों को प्रेमजाल में फंसाकर उनका मतांतरण कराने वाले गिरोह का मास्टरमाइंड जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा पकड़ा गया है। उसके साथ गिरोह की सदस्य नीतू उर्फ नसरीन को भी गिरफ्तार किया है। जिसका उसने मतांतरण कराया था। इससे पहले आठ अप्रैल को छांगुर बाबा के बेटे महबूब व नवीन उर्फ जमालुद्दीन को गिरफ्तार किया गया था। छांगुर बाबा, उसके रिश्तेदारों व सहयोगियों के विरुद्ध एक वर्ष पूर्व आजमगढ़ के थाना देवगांव में भी अवैध मतांतरण कराने के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ था।
छांगुर बाबा हिंदू व गैर मुस्लिम समुदाय की युवतियों को प्रेमजाल में फंसाकर तथा बच्चों को बहला-फुसलाकर उनका मतांतरण कराता था। इसके लिए गिरोह अपने एजेंटों को मोटी रकम भी देता था। ब्राह्मण, क्षत्रिय व सिख युवती को इस्लाम स्वीकार कराने पर 15-16 लाख रुपये तक दिए जाते थे। पिछड़ी जाति की युवती का मतांतरण कराने पर 10 से 12 लाख रुपये तथा अन्य जाति की युवती का मतांतरण कराने पर आठ से 10 लाख रुपये दिए जाते थे।
अबू अंसारी ने लखनऊ निवासी गुंजा गुप्ता को अपने प्रेम जाल में फंसाकर उसका मतांतरण कराया था। अबू अंसारी ने हिंदू नाम रखकर गुंजा से मुलाकात की थी। युवती को जाल में फंसाने के बाद अबू उसे छांगुर बाबा के पास दरगाह ले गया था, जहां मतांतरण कर उसका नाम अलीना अंसारी रख दिया गया था। अबू अंसारी ने युवती से निकाह कर लिया था और बाद में उसे छोड़ दिया। अबू के परिवार के सदस्य भी गिरोह में शामिल हैं।
औरैया की मानवी शर्मा को भी छला गया। मेराज नाम के आरोपित ने हिंदू नाम रखकर मानवी को प्रेम जाल में फंसाया व छांगुर के हस्तक्षेप से उसे इस्लाम धर्म स्वीकार कराकर जबरन निकाह कर लिया। कोर्ट कर्मी की पत्नी भी है शामिल पूरे मामले में कोर्ट के लिपिक व उसकी पत्नी की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। कोर्ट कर्मी की पत्नी छांगुर बाबा के कारोबार व संपत्तियों में हिस्सेदार बताई जाती है। मामले की गहनता से छानबीन में कई बड़ों की मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं।
संगठित रूप से अवैध मतांतरण कराने वाले इस गिरोह के अलग-अलग संस्थाओं के नाम पर खुलवाए गए 40 बैंक खातों में विदेश से 100 करोड़ रुपये से अधिक की फंडिंग हुई है। बलरामपुर के उतरौला क्षेत्र में रहने वाला छांगुर बाबा खुद को पीर बाबा और सूफी हजरत बाबा जलालुद्दीन होने का दावा करता था। गिरोह के सदस्यों के इस्लामिक देशों की 40 से अधिक यात्राएं करने की बात भी सामने आई है।
विदेश से होने वाली फंडिंग की रकम के जरिये गिरोह हिंदू युवतियों को छल-कपट व किसी मुकदमे में फंसाने का भय दिखाकर व बच्चों को प्रलोभन देकर मुस्लिम धर्म स्वीकार कराने का कृत्य कर रहा था। छांगुर बाबा ग्राम मधपुर में तीन-चार वर्ष से मुंबई के नवीन घनश्याम रोहरा, उसकी पत्नी नीतू नवीन रोहरा व बेटी समाले नवीन रोहरा के साथ रह रहा था। छांगुर बाबा ने सिंधी नवीन घनश्याम को बहका कर मुस्लिम धर्म स्वीकार कराया था। उसकी पत्नी नीतू व बेटी समाले का भी इसी प्रकार मतांतरण कराया गया।
नवीन का नाम बदलकर जमालुद्दीन, नीतू का नसरीन व समाले का सबीहा रख दिया गया था। छांगुर बाबा तीनों के साथ चांद औलिया दरगाह के बगल में रहकर अवैध मतांतरण का गिरोह संचालित कर रहा था। उसने शिजर-ए-तैय्यबा नाम से एक किताब भी छपवाई थी, जिसके जरिये इस्लाम का प्रचार-प्रसार करता था। गिरोह में छांगुर बाबा, महबूब, पिंकी हरिजन, हाजिरा शंकर, एमेन रिजवी, सगीर, नीतू रोहरा व अन्य शामिल हैं।
नवीन ने दुबई में किया था इस्लाम धर्म स्वीकार
छांगुर बाबा के करीबी नवीन ने पत्नी व बेटी के साथ वर्ष 2015 में दुबई जाकर इस्लाम धर्म स्वीकार किया था। दुबई सरकार द्वारा जारी प्रमाणपत्र भी मिला है। सातवीं पास नवीन ने वर्ष 2016 से 2020 के बीच 19 बार दुबई की यात्रा की। नवीन की पत्नी नीतू ने भी 19 बार दुबई की यात्रा की। दोनों एक बार ही साथ दुबई गए। इसे लेकर गहनता से छानबीन की जा रही है। आरोपित छांगुर बाबा के तामझाम के बावजूद उसकी करतूतों की अनदेखी पर प्रशासन, पुलिस व एलआइयू की भूमिका भी सवालों के घेरे में है। बलरामपुर के थाना उतरौला क्षेत्र के ग्राम मधपुर में पीर साहब, नसरीन, जमालुददीन, महबूब व अन्य नामों से कई संदिग्ध व्यक्तियों के रहने, विदेशी फंडिंग से एक वर्ष के भीतर करोड़ों रुपये की संपत्तियां जुटाने, शोरूम व आलीशान बंगला बनाने, लग्जरी गाड़ियां खरीदे जाने की शिकायतें मिली थीं, जिनकी जांच एसटीएफ ने की।
हाजी अली दरगाह पर जाता था अंगूठी बेचने
उतरौला निवासी जलालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा अंगूठी और नग यानी पत्थर बेचता था। मुंबई में मशहूर हाजी अली दरगाह पर भी अंगूठी व नग बेचने जाता था। अचानक से वह ठाठ-बाट से रहने लगा। लोग भी उसकी इस तरक्की से हैरान थे। फिर उसने जमीनों की खरीद-फरोख्त में कदम बढ़ाया। इसके बाद पीर बनकर लोगों को दुआएं देने लगा।
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