Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Changur Gang: भारत को 2047 तक इस्लामिक राष्ट्र बनाने की तैयारी में था जलालुद्दीन उर्फ ​​छांगुर

    Updated: Sun, 07 Sep 2025 07:12 PM (IST)

    Religion Conversion Gang Planned India As Islamic Country Till 2047 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जहां देश को वर्ष 2047 तक विश्व का सबसे शक्तिशाली राष्ट्र बनाने की योजना पर काम कर रहे हैं वहीं छांगुर 2047 तक इस्लामिक राष्ट्र बनाने की तैयारी में था। मतांतरण का जाल फैलाने वाले छांगुर के खतरनाक इरादों का पता उत्तर प्रदेश एटीएस के आरोप पत्र से चला है।

    Hero Image
    उत्तर प्रदेश एटीएस की गिरफ्त में जलालुद्दीन उर्फ छांगुर

    डिजिटल डेस्क, जागरण, लखनऊ: स्मार्ट मुस्लिम युवकों को पे-रोल पर रख हिंदू युवतियों का मतांतरण कराने वाले गिरोह का सरगना जलालुद्दीन उर्फ ​​छांगुर बेहद खतरनाक इरादे लेकर काम कर रहा था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने छांगुर की गतिविधियों को असामाजिक और राष्ट्र-विरोधी बताया था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    एटीएस के साथ ईडी और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अधिकारी मतांतरण प्रकरण की बेहद गंभीरता से जांच कर रहे हैं। छांगुर ने खुद को निर्दोष बताया है। ‍‍उसने कहा कि मतांतरण प्रकरण में मैं निर्दोष हूं। मुझे कुछ पता नहीं है।

    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जहां देश को वर्ष 2047 तक विश्व का सबसे शक्तिशाली राष्ट्र बनाने की योजना पर काम कर रहे हैं, वहीं छांगुर 2047 तक इस्लामिक राष्ट्र बनाने की तैयारी में था। मतांतरण का जाल फैलाने वाले छांगुर के खतरनाक इरादों का पता उत्तर प्रदेश एटीएस के आरोप पत्र से चला है। छांगुर के आरोप पत्र में 29 गवाहों के बयान शामिल हैं, जिनमें से दस पीड़ित हैं, जिन पर सीधे तौर पर दबाव या जबरदस्ती का सामना किया गया था।

    मुस्लिम देशों से 500 करोड़ रुपये मिले

    बलरामपुर के ​​छांगुर और उसके सहयोगियों से पड़ताल के बाद उप्र एटीएस ने मतांतरण मामले में आरोप पत्र दाखिल किया है। ‍उसी से छांगुर के बेहद खतरनाक इरादों का पता चला है। वह भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की तैयारी में था और मतांतरण से ही वह अपने पांव पसार रहा था। छांगुर को मतांतरण का विस्तार देने के लिए मुस्लिम देशों से 500 करोड़ रुपये मिले थे। मतांतरण में भी उसके निशाने पर गरीब युवतियां और विधवाएं थीं।

    बेटे महबूब को भी मतांतरण गैंग का आरोपित बनाया

    एटीएस ने जलालुद्दीन अकबर उर्फ छांगुर के साथ उसके बेटे महबूब को भी मतांतरण गैंग का आरोपित बनाया है। दोनों पर पिछले तीन वर्षों में हिंदू लड़कियों को धर्मांतरण के लिए फंसाने के लिए 1,000 से अधिक मुस्लिम पुरुषों को धन मुहैया कराने का आरोप है। छांगुर के खिलाफ आरोप पत्र में एक महिला के बयान भी शामिल हैं जिसने महबूब और उसके सहयोगी नवीन रोहरा पर धर्मांतरण के नाम पर यौन शोषण और उत्पीड़न का आरोप लगाया है। शेष गवाहों में पुलिस अधिकारी और अन्य सरकारी कर्मचारी शामिल हैं जो जांच में शामिल थे। एटीएस रिपोर्ट में कहा गया है कि पीड़ितों ने लगातार इस बात की गवाही दी है कि उन्हें इस्लाम अपनाने के लिए मजबूर करने के लिए आर्थिक प्रलोभन और धमकी का इस्तेमाल किया गया था।

    पूरे देश को 2047 तक इस्लामिक बना देना चाहिए

    एक पीड़िता ने बताया कि उसे बार-बार कहा गया था कि पूरे देश को 2047 तक इस्लामिक बना देना चाहिए। एक अन्य महिला ने आरोप लगाया कि उसे एक दुकान से साड़ी लेने के बहाने एक निजी कमरे में फुसलाया गया, जहां उसके साथ कथित तौर पर मारपीट की गई और बाद में उस पर धर्म परिवर्तन का दबाव डाला गया। जांचकर्ताओं ने इस ऑपरेशन में एक अन्य मुख्य व्यक्ति के रूप में नवीन रोहरा की भी पहचान की। दुबई में रहने वाले रोहरा के बारे में कहा जाता है कि उसने अपना विदेशी व्यवसाय छोड़कर भारत में धर्मांतरण गतिविधियों पर पूरी तरह ध्यान केंद्रित किया था।

    एटीएस के साथ ईडी ने भी छांगुर पर कार्रवाई की

    जलालुद्दीन उर्फ ​​छांगुर के बारे में जानकारी मिलने पर एटीएस के साथ ईडी ने भी छांगुर पर कार्रवाई की है, जिसने कथित तौर पर इस अवधि के दौरान मुस्लिम देशों से 500 करोड़ रुपये प्राप्त करके एक धर्मांतरण रैकेट चलाया था, जो व्यवस्थित रूप से गरीब, विधवा और कमजोर महिलाओं को निशाना बनाता था। जांच में दावा किया गया है कि छांगुर का गैंग लोगों को प्रलोभन व धमकी देकर मतांतरण कराने की दीर्घकालिक योजना पर काम कर रहा था, जिसका अंतिम लक्ष्य 2047 तक भारत को एक इस्लामी राष्ट्र बनाना था।

    इस्लामिक दावा केंद्र और मदरसे स्थापित करने की तैयारी

    एटीएस रिकॉर्ड से पता चलता है कि उसे विदेशी स्रोतों से लगभग 16.50 करोड़ रुपये मिले थे। इस राशि में से 1.30 करोड़ रुपये कथित तौर पर छांगुर और महबूब को हस्तांतरित किए गए, जिन्होंने फिर इस धन का उपयोग बलरामपुर, बहराइच और पड़ोसी जिलों में जमीन खरीदने के लिए किया। चार्जशीट में कहा गया है कि आरोपी अपनी गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए इन संपत्तियों पर इस्लामिक दावा केंद्र और मदरसे स्थापित करने की तैयारी कर रहे थे। एटीएस की जांच से पता चला कि छांगुर गैंग स्व वित्तपोषित और संगठित नेटवर्क था जो वित्तीय प्रलोभनों, हेराफेरी और धमकियों से कमजोर लोगों को निशाना बनाता था।

    अंतरराष्ट्रीय स्रोतों से धन मिलने और पहले से ही अर्जित संपत्तियों के साथ, एटीएस का मानना ​​है कि छांगुर, महबूब और उनके साथियों की गतिविधियां छिटपुट घटनाओं से आगे बढ़कर एक व्यवस्थित योजना की ओर इशारा करती हैं। चश्मदीदों की गवाही, वित्तीय रिकॉर्ड और जमीन खरीद के सबूतों के आधार पर अदालत में मामले के आगे बढ़ने की उम्मीद है। आरोप पत्र से एजेंडे के तहत बड़े पैमाने पर मतांतरण कराने की साजिश सामने आ गई है।

    नेपाल से जारी पासपोर्ट का उपयोग

    छांगुर और उसके गैंग के लोग नेपाल से जारी पासपोर्ट का उपयोग करके विदेश यात्रा करते थे। दुबई और अन्य देशों से मिले धन की मदद से तमाम साहित्य प्रकाशित करा घृणा फैलाने का काम करते थे। इनके पास से मिले टूलकिट से पता चला कि इन लोगों ने हिंदू विरोधी स्क्रिप्ट प्रकाशित करने की योजना बनाई थी।

    comedy show banner
    comedy show banner