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    जाति और धर्म रही 15 साल से सत्ताधारी लोगों की राजनीति का आधारः योगी

    By Nawal MishraEdited By:
    Updated: Thu, 17 Aug 2017 10:49 PM (IST)

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि किसान किसी जाति और धर्म का नहीं होता जबकि प्रदेश की सत्ता पर पिछले 15 वर्ष से काबिज लोगों की राजनीति का आधार ही जाति और धर्म रहे।

    जाति और धर्म रही 15 साल से सत्ताधारी लोगों की राजनीति का आधारः योगी

    लखनऊ ( जेएनएन)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि किसान किसी जाति और धर्म का नहीं होता जबकि प्रदेश की सत्ता पर पिछले 15 वर्ष से काबिज लोगों की राजनीति का आधार ही जाति और धर्म रहे। उनकी तो योजनाओं का आधार भी तुष्टीकरण था। इनके लिए सत्ता सौदा था और तबादला उद्योग। इनकी उपेक्षा के कारण किसान बदहाल होता गया। अब ऐसा करने वालों के दिन लद गए। अब राजनीति के केंद्र में किसान और युवा होंगे। दो दिन से योगी हिंदुत्व पर मुखर हैं। कल लखनऊ में एक कार्यक्रम में उन्होंने सड़क पर नमाज तो मंदिरों में जन्माष्टमी का मुद्दा उठाया था तो गुरुवार को सपा-बसपा शासन में सरकारी योजनाओं में तुष्टीकरण का आरोप लगा दिया।

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    ऋणमाफी कोई अहसान नहीं

    यहां स्मृति उपवन में फसल ऋण मोचन योजना के तहत किसानों को प्रमाणपत्र देने के लिए आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। योगी ने कहा, ऋणमाफी कोई अहसान नहीं, हम अन्नदाता को उसका हक वापस कर रहे हैं। किसानों की बेहतरी की शुरुआत केंद्र में भाजपा सरकार बनने के साथ ही हो गई थी। वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के मद्देनजर कई योजनाएं भी बनीं। इनके बूते अन्य भाजपा शासित राज्यों ने बेहतर काम किया, पर यूपी की सरकारों के एजेंडे में किसान थे ही नहीं। योगी ने कहा, सत्ता में आते ही भाजपा ने किसानों के हित में काम करना शुरू किया। गेहूं की रिकार्ड खरीद हुई। किसानों को प्रति क्विंटल घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के अलावा दस रुपये अतिरिक्त दिए गए। अब आगे धान खरीद में भी सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य के अलावा किसानों को प्रति क्विंटल 15 रुपये अतिरिक्त देगी। पहली बार बाजार एमएसपी पर आलू खरीदा गया। गन्ना किसानों को 23,500 करोड़ रुपये का रिकार्ड भुगतान हुआ। अब मिलों के चलने के साथ ही भुगतान करना होगा। मिल मालिकों को सरकार से मिलने वाली तमाम सुविधाएं तभी मिलेंगी जब वह किसानों को भुगतान करेंगे। 

    छुट्टा पशुओं की समस्या का हल हो

    मुख्यमंत्री ने माना कि छुट्टा पशु किसानों के लिए बड़ी समस्या हैं। गो सेवा आयोग को इस समस्या के हल का निर्देश दिया गया है। एंटी भू माफिया मुहिम से सरकार की खाली जमीनों पर चारागाह विकसित किए जाएंगे। इनकी निगरानी के लिए ब्लाक और जिला स्तर पर कमेटी भी बनेगी। पहले चरण में यह योजना बुंदेलखंड और शहरी क्षेत्रों में लागू होगी। योगी ने कहा कि नेताओं की हवेलियां बनना तो आम बात है। कुछ लोगों ने तो जीते जी अपना स्मारक बनवा डाला, पर गरीबों के आवास की फिक्र नहीं की। 

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    न्यूनतम लागत में अधिकतम उत्पादन

    केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कभी-कभी चुनावी वायदे पूरे नहीं होते। उप्र जैसे बड़े राज्य के लिए तो यह बड़ी चुनौती थी। मुख्यमंत्री द्वारा तय समय में इसे पूरा करना करिश्मे से कम नहीं। जिनके ऋणमाफ हुए हैं, उनके लिए यह नई शुरुआत का मौका है। राजनाथ ने कहा कि किसानों को आय बढ़ानी है तो न्यूनतम लागत में अधिकतम उत्पादन लेना होगा। चीन में प्रति हेक्टेयर खाद्यान्न का उत्पादन 6000 किलो है पर भारत में सिर्फ 2000 किलो। उत्पाद का बेहतर दाम मिले इसके लिए किसान जैविक खेती पर ध्यान दें। केंद्र सरकार अपने स्तर से किसानों की बेहतरी के लिए लगातार प्रयासरत है। खाद की कीमतें घटी हैं, उपलब्धता भी भरपूर है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के जरिये किसानों को नाम मात्र के प्रीमियम पर सुरक्षा दी गई है। किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिले इसके लिए देश भर की मंडियों को ई-नाम से जोड़ा जा रहा है। अनुदान पर मिलने वाले ड्रिप और स्प्रिंकलर लगवाकर किसान पानी की बचत करते हुए उपज बढ़ा सकते हैं। 

    केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि भारत छोड़ो आंदोलन में किसानों की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका थी। चंपारण का जो आंदोलन इसकी बुनियाद बना उसके लिए महात्मा गांधी को वहां आने का निमंत्रण राजकुमार नामक किसान ने 1916 में लखनऊ में हुए कांग्रेस के अधिवेशन में दिया था। कार्यक्रम को उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और डॉ. दिनेश शर्मा ने भी संबोधित किया। वित्तमंत्री राजेश अग्रवाल ने अतिथियों का स्वागत किया। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने आभार जताया। 

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    50 किसानों को दिए ऋण प्रमाणपत्र

    कार्यक्रम में कुल 7574 किसानों को ऋणमोचन प्रमाणपत्र दिए गए। 50 किसानों को केंद्रीय गृहमंत्री और मुख्यमंत्री ने खुद प्रमाणपत्र दिए। योजना के तहत करीब 86 लाख किसानों के ऋणमाफ होने हैं। अब तक 70 लाख किसानों का सत्यापन हो चुका है। दूसरे चरण के लिए किसानों के खाते को आधार से जोडऩे का काम जारी है।

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