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    'महाकुंभ पर राजनीति करने से बाज आ जाएं', अखिलेश यादव पर बरसे ब्रजेश पाठक; सपा प्रमुख ने दी थी ये सलाह

    सपा प्रमुख अखिलेश यादव के महाकुंभ पर दिए बयान पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने पलटवार करते हुए कहा कि अखिलेश ने हमेशा सनातन का विरोध किया है और महाकुंभ पर राजनीति से बचना चाहिए। उन्होंने अयोध्या विकास में सपा की निष्क्रियता को भी आड़े हाथों लिया। दिल्ली चुनाव में आप को समर्थन देने के बाद अखिलेश ने स्पष्ट किया कि यह कांग्रेस विरोध नहीं है।

    By Ashish Kumar Trivedi Edited By: Aysha Sheikh Updated: Thu, 16 Jan 2025 09:22 PM (IST)
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    ब्रजेश पाठक और अखिलेश यादव । जागरण

    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। महाकुंभ पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव की टिप्पणी का उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने गुरुवार को करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि अखिलेश ने हमेशा सनातन का विरोध किया। उन्हें महाकुंभ पर राजनीति करने से बाज आना चाहिए और वहां आ रहे करोड़ों श्रद्धालुओं का स्वागत करना चाहिए।

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    सपा प्रमुख की टिप्पणी कि दाेनों उप मुख्यमंत्री हाथ पकड़कर मुख्यमंत्री को करवाएं गंगा स्नान पर यह पलटवार उप मुख्यमंत्री ने किया। उन्होंने कहा कि जब भी किसी ने सनातन का अपमान किया है, उसे पश्चाताप करना पड़ा है। अखिलेश और उनकी पार्टी सपा को भी पश्चाताप करना होगा।

    सत्ता में रहते हुए अखिलेश ने कभी अयोध्या का विकास नहीं कराया। अतीत को देखें तो सपा सरकार में ही रामभक्तों पर गोलियां चलाई गईं। अब अयोध्या का बुनियादी ढांचा विश्व स्तरीय बनाया जा रहा है। जाति व पंथ के बावजूद करोड़ो लोग संगम में डुबकी लगाते हैं तो पूर्व मुख्यमंत्री को दुख होता है। यदि उनमें साहस है, तो उन्हें अन्य धर्मों के खिलाफ भी बोलना चाहिए।

    आप को समर्थन का मतलब कांग्रेस का विरोध नहीं : अखिलेश

    वहीं दूसरी ओर, दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को समर्थन देने और उनके साथ मंच साझा करने की घोषणा के बाद आइएनडीआइए गठबंधन के भविष्य को लेकर जारी अटकलों पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को विराम लगा दिया। उन्होंने स्पष्ट करते हुए साफ कहा कि आप को समर्थन का मतलब कांग्रेस का विरोध नहीं है।

    दोहराया कि जो जहां भाजपा को हराने की स्थिति में हाेगा, उसे वहां समर्थन दिया जाएगा। यहीं हमारी रणनीति थी कि जो क्षेत्रीय पार्टी जहां मजबूत होगी, वहां उसके साथ खड़ा रहना होगा। मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव के ठीक पहले एक बार फिर अयोध्या के किसानों से लखनऊ स्थित अपने पार्टी मुख्यालय में मुलाकात कर भूमि अधिग्रहण के दौरान उनका उत्पीड़न करने के मामले को हवा दे दी।

    सात जनवरी को सपा प्रमुख ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप को समर्थन देने और उनके साथ चुनावी मंच साझा करने की घोषणा की थी। अखिलेश के निर्णय को सपा-कांग्रेस के बीच दूरी बढ़ने से जोड़कर देखा जा रहा था। दोनों दलों के 2027 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में साथ लड़ने काे लेकर भी अटकलें तेज हो गईं थी। हालांकि, कांग्रेस ने मिल्कीपुर उपचुनाव में सपा का समर्थन किया है।