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    राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के कर्मचारियों के पदों में होगी कटौती, इन कर्मचारियों की होगी छंटनी

    Updated: Wed, 17 Dec 2025 09:21 PM (IST)

    लखनऊ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के कर्मचारियों के पदों में कटौती के निर्देश दिए गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने मानव संसाधन पर खर्च की सीमा क ...और पढ़ें

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    राज्य ब्यूरो, लखनऊ। स्वास्थ्य मंत्रालय ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) में कर्मचारियों के पदों की कटौती करने के निर्देश दिए हैं। मंत्रालय ने मानव संसाधन पर खर्च की सीमा को 50 प्रतिशत तक सीमित करने के लिए कहा है।

    एनएचएम मुख्यालय में 300 से अधिक कर्मचारी हैं। इसके अलावा जिलों व फील्ड में लगभग 1.50 लाख कर्मचारी कार्यरत हैं। इन पर हर लगभग वर्ष चार हजार करोड़ रुपये से अधिक वेतन व प्रोत्साहन राशि के रूप में खर्च होता है। इसमें ही कटौती के निर्देश मंत्रालय ने दिए हैं। उनका मानना है कि मानव संसाधन पर ज्यादा बजट खर्च होने से दवाओं, निदान, बुनियादी ढांचे के लिए कम रुपया बचेगा।

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    एनएचएम के लिए वर्ष 2024-25 और 2025-26 का बजट लगभग 36 हजार करोड़ रुपये प्रस्तावित हुआ था। इसमेें से 50 फीसदी से अधिक बजट दो साल में खर्च नहीं हो पाया है। बजट का अधिकतर हिस्सा वेतन में गया है।

    अब एनएचएम निदेशक व स्वास्थ्य मंत्रालय की अपर सचिव आराधना पटनायक ने निर्देश दिया है कि बजट का इस्तेमाल स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के लिए किया जाए, ना कि उसका अधिकतर हिस्सा वेतन और भत्ते के रूप में खर्च किया जाए। इसी के तहत नियमित सरकारी कर्मचारियों के वेतन का भुगतान एनएचएम कार्यक्रम प्रबंधन मद से करने पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। कार्यक्रम प्रबंधन लागत को कुल बजट का नौ प्रतिशत किया जाएगा।

    यदि खर्च इससे ज्यादा होगा तो गैर जरूरी प्रशासनिक पदों को समाप्त किया जाएगा। उच्च वेतन वाले सलाहकारों के पदों की समीक्षा की जाएगी। उनका वेतन बाजार दर से अधिक होगा तो उसे कम किया जाएगा या फिर उनके अनुबंध का नवीनीकरण नहीं किया जाएगा।

    क्षय रोग, मलेरिया और कुष्ठ रोग जैसे कार्यक्रमों की पृथक प्रशासनिक इकाइयों को समाप्त करके उन्हें एकीकृत करने पर जोर दिया गया है।एक कर्मचारी एक कार्यक्रम की व्यवस्था को खत्म किया जाएगा। बहु कौशल (मल्टी स्किल) और बहु कार्यात्मक (मल्टी फंक्शनल) कार्य करने वालों पर जोर दिया जाएगा। जो पद पिछले एक या दो वर्ष से रिक्त हैं, उन्हें वित्तीय नियमों के तहत स्वत: समाप्त माना जा रहा है। जिससे नई भर्तियां नहीं होंगी।

    अनावश्यक या कम प्राथमिकता वाले पदों को समाप्त किया जाएगा। रिक्त पदों को फ्रीज किया जाएगा। सेवानिवृत्त या इस्तीफे से खाली पदों को दोबारा नहीं भरा जाएगा। कर्मचारियों की वार्षिक वेतन वृद्धि रोकी जाएगी या फिर या उसे सीमित किया जाएगा। अपर मुख्य सचिव अमित घोष का कहना है कि केंद्र से मिले दिशा-निर्देशों के अनुसार कार्रवाई के लिए कहा गया है। पदों और कार्यक्रमों का आकलन किया जा रहा है।